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हार्ट फेल होने से युवती की मौत, नामनी को नही मिला क्लेम
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। बीमा कंपनियों से अब आम जनता का विश्वास उठने लगा हैं। बीमा कंपनी जिस तरह का बर्ताव अपने पॉलिसी धारकों के साथ कर रही है उससे बीमित प्रताडि़त हो रहे है और बीमित के परिजनों को क्लेम भी नही मिल रहा है। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना हो या फिर पीएम सुरक्षा योजना की पॉलिसी में भी आम लोगों को राहत नही मिल रही है। बैंक अधिकारी नामनी को भटका रहे है और किसी तरह की मदद करने आगे नही आ रहे, जबकि बैंक से प्रतिवर्ष प्रीमियम की राशि कट रही है। पीडि़तो का आरोप है कि बैंक व बीमा कंपनी एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करते हुए सालो से चक्कर लगवा रहे है। पीडि़त जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे है।
इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ-
इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर मोबाइल नंबर -9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।
एक साल से बैंक व बीमा कंपनी को लिख रहे पत्र-
छिंदवाड़ा बैंक कॉलोनी मोहन नगर निवासी संजय चाटे ने शिकायत में बताया कि बेटी नेहा चाटे का बैंक में एकाउंट है और उसके खाता क्रमांक 3172934498 से पॉलिसी क्रमांक एलआईसीसीबीआईएम 8072533265 के लिए प्रीमियम राशि प्रतिवर्ष कट रही थी। बेटी की मौत जुलाई 2021 में हार्टफेल होने के कारण हो गई थी। उसके बाद इंश्योरेंस क्लेम के लिए बैंक में आवेदन दिया गया था। वहां पर सारे दस्तावेज के साथ ही मृत्यु प्रमाण पत्र भी दिया गया था। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत जो राशि नामनी को मिलना थी वह एक साल बाद भी नही मिली। बैंक में जब भी जाते है तो वहां पर मौजूद अधिकारी रीजनल आफिस में पूरा प्रकरण भेजने की बात करते है। छिंदवाड़ा के रीजनल आफिस गए तो वहां पर एलआईसी के आफिस में पूरी फाइल भेजे जाने की बात की जाती है और उसके अलावा किसी तरह का जवाब जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा नही दिया जा रहा है। पीडि़त का आरोप है कि उन्हें परेशान करने के लिए जानबूझकर आफिसों के चक्कर लगवाएं जा रहे है और किसी तरह का उचित उत्तर नही दिया जा रहा है। बीमा कंपनी में मेल करने पर वहां से किसी तरह का जवाब बीमा अधिकारियों के द्वारा नही मिल रहा है। वहीं जिम्मेदार अधिकारियों से संपर्क किया गया तो उनका कहना था कि मामले का परीक्षण करने के बाद नियमानुसार भुगतान कराया जाएंगा।
Created On :   27 Jun 2022 4:52 PM IST