बच्चों की चिट्ठी: कलेक्टर अंकल पौधे दिला दीजिए, करना है धरती का श्रृंगार 

Give the collector an uncleal plant, make the greenery of the earth
बच्चों की चिट्ठी: कलेक्टर अंकल पौधे दिला दीजिए, करना है धरती का श्रृंगार 
बच्चों की चिट्ठी: कलेक्टर अंकल पौधे दिला दीजिए, करना है धरती का श्रृंगार 

डिजिटल डेस्क, शहडोल। नन्हें-मुन्ने स्कूली बच्चे आजादी का जश्न धरती माता का श्रृंगार हरियाली से करना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने 15 अगस्त को इतने पौधे रोपित करने की मंशा जाहिर की है, जिससे पर्यावरण संतुलन को बल मिल सके। इसके लिए बच्चों ने कलेक्टर को पत्र लिखते हुए मार्मिक अपील की है। इसी आशय का पत्र बच्चों ने कोरियर के माध्यम से PM और CM के नाम भी प्रेषित किया है।

माध्यमिक स्तर के छोटे-छोटे स्कूली बच्चों ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक अनूठी मिशाल पेश की है। ब्यौहारी जनपद क्षेत्र अंतर्गत बरकछ ग्राम के स्कूली बच्चों ने पौधों के प्रति लगाव दर्शाते हुए कलेक्टर को पत्र लिखते हुए मार्मिक अपील की है कि कलेक्टर अंकल हमें इतने पौधे दिला दीजिए कि वे स्कूल परिसर सहित पूरे गांव की धरती का हरियाली से श्रृंगार कर सकें। पत्र में बच्चों ने अपनी भावना से अवगत कराते हुए लिखा है कि वे स्वतंत्रता दिवस पर स्कूल, चारागाह की जमीन के साथ अपने घरों के आसपास और खेतों की मेढ़ों में पौधे लगाना चाहते हैं, परंतु उनकी आर्थिक हैसियत ऐसी नहीं है कि वे पौधे खरीद सकें। वे हरियाली देखना चाहते हैं और अपने परिवेश को हरा-भरा बनाना चाहते हैं। बच्चों का कहना है कि उन्हें महात्मा गांधी ने 15 अगस्त को आजादी दिलवाई। इस अवसर पर उन्हें पौधे प्रदान कर दिये जाएं ताकि वे भारत माता को हरियाली का गहना पहना सकें। 

तैयार कर चुके हैं 2 हजार पौधे

शासकीय प्राथमिक विद्यालय अमिलिहा टोला ग्राम पंचायत बरकछ के उत्साही बच्चों कृष्णपाल गड़ारी कक्षा 5, कुमारी आंचल पाल कक्षा 8, कु. दुर्गा पाल कक्षा 6, जया विश्वकर्मा कक्षा 7, आरती पाल कक्षा 3, भारती पाल कक्षा 1 सहित अन्य ने पत्र में बताया है कि उन्होंने मई-जून माह में बीज लगाए थे। इसमें से 2000 हजार पौधे तैयार हो चुके हैें। लेकिन उनके पास और पौधे खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं। वेब गरीब, मजदूर घरों के बच्चे हैं। 

हरियाली महोत्सव में कम मिले पौधे

हरियाली महोत्सव के तहत 2 और 19 जुलाई को जिले में वृहद पैमाने पर तीन लाख से अधिक पौधों के रोपण का दावा किया गया था। मनरेगा के तहत स्कूलों सहित सार्वजनिक स्थानों पर भी पौधे रोपित किए जाने थे। बताया गया है कि इस स्कूल में भी पंचायत द्वारा पौधे दिलाए गए थे, लेकिन उनकी संख्या बहुत कम थी।
 

 

Created On :   13 Aug 2017 4:04 PM GMT

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