जीएम ने कहा- आयुध निर्माणिओं में 20 से उत्पादन कैसे शुरू करें, श्रमिक बोले- चैनल वर्क है ज्यादा खतरनाक

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जीएम ने कहा- आयुध निर्माणिओं में 20 से उत्पादन कैसे शुरू करें, श्रमिक बोले- चैनल वर्क है ज्यादा खतरनाक

डिजिटल डेस्क जबलपुर । आयुध निर्माणिओं में उत्पादन को लेकर शुक्रवार को प्रशासन और श्रमिक नेताओं की मीटिंग बुलाई गई, लेकिन कामकाज को लेकर कहीं भी ठोस निर्णय नहीं लिए जा सके। वजह यह रही कि प्रशासन ने उत्पादन शुरू करने के लिए रुझान तो जाना, लेकिन श्रमिक नेताओं का दो टूक कहना रहा कि पूरा काम चैनल वर्क का है और ज्यादातर मशीनें मैटेलिक हैं लिहाजा वर्किंग  हाई रिस्क पर रहेगी। आखिर में पूरा फैसला स्थानीय प्रशासन के हाथों पर छोड़ दिया गया। आयुध निर्माणी खमरिया के कॉन्फ्रेंस हॉल में प्रशासनिक अधिकारी और श्रमिक नेता इस बात को लेकर एकजुट हुए की 20 तारीख से उत्पादन किस तरह शुरू किया जाए, कितने कर्मचारियों को ड्यूटी पर बुलाया जाए और क्या-क्या सावधानियाँ बरती जाएँ। इस अवसर पर डीपीएमएस के राकेश शर्मा, रूपेश पाठक, राजेंद्र चढ़ारिया, अर्नव दासगुप्ता, रामप्रवेश, पुष्पेंद्र सिंह, अरुण दुबे सहित अन्य श्रमिक नेता मौजूद रहे। 
काम से परहेज नहीं, सावधानी जरूरी 
 इधर वाहन निर्माणी में सभी प्रमुख संगठनों के नेताओं का कहना रहा कि काम से कोई परहेज नहीं, लेकिन संक्रमण को देखते हुए सावधानी की ज्यादा जरूरत है। वीएफजे वर्कर्स यूनियन के महामंत्री नीतेश सिंह का कहना रहा कि मैटल पर वायरस ज्यादा समय तक रहता है और मैटल वर्किंग ही ज्यादा है। दूसरी तरफ पूरा उत्पादन एक चेन पर चलता है लिहाजा चाहकर भी सोशल डिस्टेंसिंग का बखूबी पालन नहीं किया जा सकता।   
स्थानीय प्रशासन के पाले में गेंद 
 मीटिंग का कोई नतीजा न निकलता देख श्रमिक नेताओं का कहना रहा कि स्थानीय प्रशासन पर इस निर्णय को छोड़ देना चाहिए। उनका यह मत रहा कि कलेक्टर अगर निर्देशित करते हैं तो ही उत्पादन की प्रक्रिया शुरू की जाए। इधर बीपीएमएस के राष्ट्रीय संगठन मंत्री नरेंद्र तिवारी का कहना है कि देश संकट के दौर से गुजर रहा है ऐसे में उत्पादन से ज्यादा सावधानी पर जोर देने की जरूरत है।
 

Created On :   18 April 2020 2:57 PM IST

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