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अच्छी खबर - मौत की वजह जानना अब जरूरी नहीं, माँ-पिता का साया उठा तो पढ़ाई, परवरिश में साथ देगी सरकार
कोविड, नॉन कोविड का संशय खत्म: अब यतीम हुए हर एक बच्चे को मिलेगी मदद, पहले सिर्फ कोरोना की वजह से यतीम होने वाले बच्चों को किया जाना था शामिल
डिजिटल डेस्क जबलपुर । जिन बच्चों के सिर से माता-पिता का साया उठ गया उनकी भरपाई तो दुनिया की कोई ताकत नहीं कर सकती है, लेकिन शासन-प्रशासन के प्रयास तकलीफों को जरूर कम करने में कारगर हो सकते हैं। ऐसे दुखद और असहनीय पीड़ा को कुछ कम करने के लिए अब कोविड और नॉन कोविड का भेदभाव भी खत्म किया जा रहा है। मतलब यह कि माता-पिता की मौत चाहे जिस भी वजह से हुई हो, ऐसे बच्चों की परवरिश और पढ़ाई का जिम्मा अब सरकार का होगा। प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री बाल कल्याण योजना की घोषणा होने के साथ ही इस बात को लेकर कयास लगाए जाने लगे कि किस मौत को कोविड माना जाएगा और किसको नॉन कोविड..? कई मामलों में संशय की स्थिति भी बनने लगी, लेकिन बगैर देर हुए ही प्रशासन के पास निर्देश पहुँच गए कि मौत किसी भी वजह से क्यों न हुई हो, अगर बच्चों के सिर से माता-पिता या िफर बच्चों की देखरेख करने वाले का साया उठा है तो उन्हें भी इस योजना में शामिल किया जाए। गाइडलाइन स्पष्ट होने के साथ ही प्रशासनिक टीम ऐसे मामलों को खंगालने में जुट गई है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि इस योजना में ऐसे बच्चों को शामिल किया जायेगा जिनके माता-पिता का निधन कोविड की दूसरी लहर यानी 1 मार्च 2021 से 30 जून 2021 के बीच हुआ होगा।
अब तक पाँच आवेदन पहुँचे
माता-पिता को खोने वाले ऐसे बच्चों के मामले में महिला बाल विकास विभाग के पास 8 लोगों की जानकारी पहुँची है जिसमें से 5 के आवेदन भी पहुँच गये हैं। इनमें से प्रति बच्चे को 5 हजार रुपये हर माह पेंशन, हर महीने राशन, और ग्रेजुएशन तक की िशक्षा का जिम्मा सरकार का होगा।
सर्वे कराया जा रहा है
इनका कहना है
अभी तक ऐसे 5 आवेदन आये हैं, आँगनबाड़ी कार्यकर्ता और परियोजना अधिकारी सर्वे कराकर ऐसे बच्चों की रिपोर्ट सौंपेंगे इसके बाद इन्हें लाभ दिया जायेगा। कहीं भी ऐसे मामले जिले में हैं तो कोई भी पोर्टल पर आवेदन कर सकता है या िवभाग से संपर्क कर सकता है।
संजय अब्राहम, सहायक संचालक महिला बाल विकास
Created On :   24 May 2021 2:29 PM IST