बंगाल की खाड़ी के असर से फिर होगी अच्छी बारिश, अतिवृष्टि से बुलढाणा - हिंगोली में फसलों को भारी नुकसान

Good rain due to the impact of Bay of Bengal, crops damage in Buldhana and Hingoli
 बंगाल की खाड़ी के असर से फिर होगी अच्छी बारिश, अतिवृष्टि से बुलढाणा - हिंगोली में फसलों को भारी नुकसान
 बंगाल की खाड़ी के असर से फिर होगी अच्छी बारिश, अतिवृष्टि से बुलढाणा - हिंगोली में फसलों को भारी नुकसान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शुक्रवार को मौसम में बदलाव के बाद पारा में 3 डिग्री सेल्सियस उछाला। जिससे अधिकतम तापमान 31.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, बारिश भी कुछ स्थानों पर मामूली दर्ज होने के साथ ही असमान में छाए बादलों का असर तापमान पर देखने को मिला। 9 अगस्त को बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है। जिससे आने वाली नमी शहर में अच्छी बारिश करवाएगी। इसका हल्का-हल्का असर शनिवार से दिखने की संभावना जताई जा रही है। मौसम विभाग 10 और 11 अगस्त को अच्छी बारिश का अनुमान जता रहा है।

तापमान अधिकतम

गुरुवार को अधिकतम तापमान 28.2 डिग्री सेल्सियस था। गुरुवार को 3.1 डिग्री सेल्सियस की बढ़त से यह 31.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो औसत से 0.8 डिग्री सेल्सियस अधिक है।

न्यूनतम तापमान

गुरुवार को न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस था। गुरुवार को 0.2 डिग्री सेल्सियस की बढ़त से यह 24.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो औसत से 0.3 डिग्री सेल्सियस अधिक है।

अनुमान

मौसम विभाग के अनुसार, शनिवार को जिले में कुछ स्थानों पर बारिश की संभावना है। रविवार को कई स्थानों पर तेज बौछारें पड़ने की संभावना है। सोमवार और मंगलवार को जिले में जोरदार बारिश के आसार हैं।

अतिवृष्टि से बुलढाणा, हिंगोली में फसलों का भारी नुकसान

राज्य में बीते जुलाई महीने में तीन जिलों में अतिवृष्टि के कारण खरीफ फसलों का नुकसान हुआ है। अतिवृष्टि के कारण बुलढाणा में 14 हजार 600 हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें चौपट हो गई हैं। जबकि हिंगोली में 10 हजार 73 हेक्टेयर और जलगांव में 303 हेक्टेयर की फसलों को नुकसान पहुंचा है। प्रदेश सरकार के कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार तीनों जिलों में सोयाबीन, कपास, ज्वारी, बाजरी, मक्का, उड़द, हल्दी, केला और सब्जियों का नुकसान हुआ है। दूसरी ओर खरीफ की फसलों को कीड़े लगने के कारण भी क्षति पहुंच रही है। राज्य के कुछ इलाकों में कपास की फसल पर गुलाबी इल्ली का प्रभाव नजर आ रहा है। गन्ने की फसलों पर लष्करी अली व हुमणी कीड़ा, सोयाबीन की फसल पर हेलिकोवर्पा, तंबाखू इल्ली और धान की फसल पर करपा और कडाकरपा रोग का प्रभाव है। राज्य के कृषि विश्वविद्यालयों की ओर से फसलों पर लगने वाले कीड़ व रोग प्रबंधन के लिए किसानों को फसल सुरक्षा सलाह दी जा रही है। कृषि विशेषज्ञ फसलों के नुकसान को देखने के लिए खेतों में जाकर मुआयना कर रहे हैं। 
 

 

Created On :   7 Aug 2020 7:52 PM IST

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