गूगल मैप और ड्रोन से कन्टेनमेन्ट क्षेत्र की निगरानी आसान -  सँकरी गलियों में उलझन कम हुई

Google Map and drones make monitoring of the content area easier - narrowing of narrow streets
गूगल मैप और ड्रोन से कन्टेनमेन्ट क्षेत्र की निगरानी आसान -  सँकरी गलियों में उलझन कम हुई
गूगल मैप और ड्रोन से कन्टेनमेन्ट क्षेत्र की निगरानी आसान -  सँकरी गलियों में उलझन कम हुई

डिजिटल डेस्क जबलपुर । कोरोना से लड़ाई लडऩे में नगर निगम हर आधुनिक तकनीक की सहायता ले रहा है। जैसे ही किसी क्षेत्र में कोरोना का पॉजिटिव मरीज मिलता है वैसे ही निगम की टीम फायर ब्रिगेड की तर्ज पर दौड़ पड़ती है। सबसे पहले तो पूरे क्षेत्र को सेनिटाइज्ड किया जाता है और उसके बाद बैरिकेडिंग होती है। इसके लिए गूगल मैप की मदद ली जा रही है, ताकि हर गली, नुक्कड़ और रास्तों की पहचान हो सके और कहीं से भी लोगों की आवाजाही न हो सके। इसके बाद ड्रोन की मदद से पूरे समय नजर रखी जाती है और जैसे ही कहीं लोग बाहर टहलते या एकत्र होते नजर आते हैं तत्काल ही वहाँ पुलिस टीम भेजकर उन्हें हटाया जाता है। 

चाँदनी चौक में ऐसी हुई बैरिकेडिंग
नगर निगम ने अब तक सराफा, गोलबाजार, अंधेरदेव, सुहागी और कचनार सिटी और हनुमानताल को कंटेनमेंट एरिया बनाया है। बुधवार को चितरंजन वार्ड के नर्मदा नगर की भी घेराबंदी की जा रही थी। नगर निगम के अपर आयुक्त राकेश अयाची ने बताया कि हमें जिला प्रशासन की ओर से सूचना दी जाती है कि किस क्षेत्र को कंटेनमेंट एरिया बनाना है और उसके तत्काल बाद ही हमारी टीम मौके के लिए निकल पड़ती है। चाँदनी चौक हनुमानताल को कंटेनमेंट क्षेत्र बनाने में खासी परेशानी हुई, क्योंकि यहाँ गलियों का जाल जैसा है, हर थोड़ी दूरी पर कोई रास्ता है या फिर सँकरी गली और इनसे पूरे समय लोगों का आना-जाना लगा रहता था। करीब एक किलोमीटर के क्षेत्र को पूरी तरह बंद करने के लिए हमने गूगल मैप की मदद ली और उसके बाद सभी गलियों और रास्तों को चिन्हित करने के बाद बैरिकेडिंग की व्यवस्था की गई थी। इसी प्रकार अब अन्य जो भी नए क्षेत्र कोरोना पॉजिटिव वाले सामने आ रहे हैं सभी में ऐसा ही किया जा रहा है। 
 

Created On :   23 April 2020 2:35 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story