गोरेवाड़ा के आंदोलनकारी कामगारों को नई कंपनी में मिलेगी जगह, वरीयता भी कायम

Gorewada agitating workers will get place in new company, preference also maintained
गोरेवाड़ा के आंदोलनकारी कामगारों को नई कंपनी में मिलेगी जगह, वरीयता भी कायम
गोरेवाड़ा के आंदोलनकारी कामगारों को नई कंपनी में मिलेगी जगह, वरीयता भी कायम

डिजिटल डेस्क,  नागपुर ।  शासकीय कामगार आयुक्तालय ने गोरेवाड़ा प्रकल्प में ठेका पद्धति पर कार्यरत करीब 70 आंदोलनकारी कामगारों को 15 दिन का वेतन देने के आदेश गोरेवाड़ा प्रकल्प प्रबंधन को दिए हैं। प्रबंधन द्वारा जिस नई कंपनी को जिम्मेदारी दी गई है, उस कंपनी में इन सभी कामगारों को समाहित किया जाएगा। इसके अलावा ठेका पद्धति पर कार्यरत इन कामगारों को न्यूनतम वेतन के अलावा इनकी  सेवा वरीयता भी कायम रहेगी। 

यह है पूरा मामला
गोरेवाड़ा प्रकल्प प्रबंधन की तरफ से तीन यूनिटों में काम करने के लिए पिछले 4-5 साल से ठेका पद्धति पर कामगारों को रखा गया है। वन विकास महामंडल लिमिटेड की निगरानी में यहां चलनेवाले रेस्क्यू यूनिट, जंगल सफारी व वन्य जीव ऐसे तीन यूनिटों में ठेका कामगारों को रखा जाता है। प्रबंधन की तरफ से काम की जिम्मेदारी कंपनी या संस्था को दी जाती है। प्रबंधन ने इस साल से मुंबई की बीवीजी ग्रुप को यहां काम का ठेका दिया है। कामगारों को नियमित रूप से काम नहीं मिलने, वरीयता का लाभ नहीं मिलने, गणवेश नहीं मिलने आदि मांगों को लेकर भारतीय जनता कामगार महासंघ ने काम बंद आंदोलन किया था। महासंघ ने इन कामगारों के हितों की रक्षा करने की गुहार शासकीय श्रम आयुक्तालय में लगाई थी। कामगार आयुक्तालय ने प्रबंधन, ठेका कंपनी व कामगारों के प्रतिनिधियों से चर्चा करने के बाद आंदोलनकारी कामगाराें को 15 दिन का वेतन देने, वर्तमान सभी कामगारों को नई कंपनी में नियुक्त करने, वरीयता कायम रखने, न्यूनतम वेतन का लाभ देने, जंगल कामकाज का विशेष प्रशिक्षण देने व नए करार के मुताबिक पहले ज्यादा वेतन देने के आदेश दिए। 

मांगें पूरी, काम पर लाैटें कामगार 
नागपुर विभाग के कामगार आयुक्त विजयकांत पानबुडे ने गोरेवाड़ा प्रबंधन, बीवीजी ग्रुप व कामगार प्रतिनिधियों से चर्चा की और आंदोलनकारी कामगारों के हक में फैसला दिया। 15 दिन का वेतन, वरीयता कायम रखने, न्यूनतम वेतन व नियमित साल भर काम देने का आदेश दिया है। प्रबंधन व कंपनी इसके लिए तैयार हुई है। कामगारों की सभी मांगें मानी गई हैं। अब आंदोलनकारी कामगारों ने शीघ्र काम पर लौटना चाहिए। नई कंपनी जरूरी प्रक्रिया के लिए दस्तावेज मांग रही है, जो गलत नहीं है।  -पवन कुमार चव्हाण, शासकीय कामगार अधिकारी, नागपुर 

Created On :   3 Feb 2020 7:20 AM GMT

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