दिवाली तक शुरू होगी गोरेवाड़ा इंडियन सफारी, कुछ इलाकों के गांववाले कर रहे विरोध

Gorewada Indian Safari to begin till Diwali, villagers in some areas are protesting
दिवाली तक शुरू होगी गोरेवाड़ा इंडियन सफारी, कुछ इलाकों के गांववाले कर रहे विरोध
दिवाली तक शुरू होगी गोरेवाड़ा इंडियन सफारी, कुछ इलाकों के गांववाले कर रहे विरोध

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो दिवाली में गोरेवाड़ा इंटरनेशनल जू में इंडियन सफारी का मजा लेने का मौका पर्यटकों को मिल सकता है। वन मंत्री संजय राठोड़ ने यह उम्मीद जताई है। इसके अलावा, गोरेवाड़ा परियोजना की जानकारी वन विकास महामंडल से ली है। इसी साल गर्मी में ही इसे शुरू करने की योजना थी। कोरोना के कारण यह संभव नहीं हो सका। 50 करोड़ की यह परियोजना है।

भालू सफारी, तेंदुआ सफारी का काम पूरा

गोरेवाड़ा अंतरराष्ट्रीय प्राणी संग्रहालय में इंडियन सफारी अंतर्गत भालू सफारी, तेंदुआ सफारी का काम पूरा हो गया है। इन दोनों सफारियों में वन्यजीवों को छोड़ने की पूर्व तैयारी भी शुरू है। ठेकेदार से वन विभाग को हस्तांतरित करने की जानकारी भी दी गई है। इस बाबत वन मंत्री के साथ हुई बैठक में विधायक दुष्यंत चतुर्वेदी, प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (वनबल प्रमुख) तथा महाराष्ट्र राज्य वन विकास महामंडल के व्यवस्थापकीय संचालक डॉ. एन रामबाबू, प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (वन्यजीव) नितीन काकोडकर, मुख्य व्यवस्थापक श्रीनिवास राव, श्रीमती एम्तिएन्ला आओ आदि उपस्थित थे।

जंगल सफारी के विरोध में 10 गांव के लोग 

उधर पर्यटकों की मांग व रोजगार को फिर से शुरू करने के लिए वन विभाग की ओर से विदर्भ की कुछ जंगल सफारियों को एहतियात बरतते हुए शुरू करने का निर्णय लिया गया है, जिसमें पेंच, बोर, उमरेड-कारांडला आदि शामिल हैं। अब इन जंगल सफारियों के आस-पास के गांवों के लोग लामबंद हो गए हैं। उनका कहना है कि पर्यटकों के आने से इन गांवों में कोरोना संक्रमण फैल सकता है। आस-पास के गांव, जो प्रभावित हो सकते हैं। उमरेड-करांडला के आस-पास लगभग 10 गांव हैं। जंगल सफारी के सीधे संपर्क में आनेवाले गांवों में करांडला, नवेगांव, ठाना, तिरकुडा, रानबोडी शामिल हैं। इन गांवों के गाइड व जिप्सी चालक जंगल सफारियों में काम करते हैं। इनमें से प्रत्येक  गांव की आबादी 600 के करीब है। इस हिसाब से लगभग तीन से चार हजार लोग संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं और तब जंगल सफारी बड़े पैमाने पर प्रभावित हो सकता है। कुछ जंगल सफारियों को शुरू करने को लेकर खुद गांव वालों ने नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि बारिश के बाद ही इसे शुरू किया जाए।  उन्होंने वन विभाग को निवेदन सौंप कर यह गुजारिश की है।गांववालों के मुताबिक, सफारियों में काम करनेवाले जिप्सी चालक से लेकर गाइड गांव में रहते हैं। ऐसे में सैलानियों के संपर्क में आने से वह संक्रमित हो सकते हैं। हालांकि वन विभाग ने अभी तक इसे लेकर कोई निर्णय नहीं लिया है।

मांग पर उचित निर्णय लेंगे

उमरेड-करांडला-नागपुर आर. गवई, उप वनसंरक्षक के मुताबिक ग्राम पंचायत की ओर से बारिश के बाद ही सफारी शुरू करने की मांग की जा रही है। इस संदर्भ में वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी गई है। उचित निर्णय लिया जाएगा। 
 

 


 

Created On :   3 July 2020 3:51 PM IST

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