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भारत सरकार ने मध्यप्रदेश के 4 अभ्यारण्य ईको सेंसेटिव जोन घोषित किए
डिजिटल डेस्क,भोपाल।भारत सरकार ने प्रदेश के 4 वन अभ्यारण्यों को केंद्रीय पर्यावरण अधिनियम 1986 के तहत ईको सेंसेटिव जोन घोषित किया है। इनमें डिण्डौरी और उमरिया जिले में स्थित घुघुआ जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान, शिवपुरी जिले में स्थित करेरा वन्यजीव अभ्यारण्य, छतरपुर जिले में स्थित केन घड़ियाल वन्यजीव अभ्यारण्य तथा महाराष्ट, एवं मप्र के बीच में स्थित पेंच राष्ट्रीय उद्यान शामिल हैं।
ईको सेंसेटिव जोन घोषित करने से अब इन चारों वन क्षेत्रों में वनों, हार्टिकल्चर एग्रो फार्म्स, एग्रो फार्म्स, आमोद-प्रमोद के प्रयोजन के लिए चिन्हित किए गए पार्कों और खुले स्थानों का प्रयोग या परिवर्तन वाणिज्यिक नहीं किया जाएगा तथा औद्योगिक या रिहाईशी क्षेत्र या क्रियाकलापों के लिए उपयोग या परिवर्तन नहीं होगा, लेकिन विद्यमान सड़कों को चौड़ा करने या नई सड़कें बनाने, बुनियादी ढांचों और नागरिक सुविधाओं का निर्माण एवं नवीनीकरण प्रदूषण न करने वाले लघु व कुटीर उद्योगों की स्थापना के लिए गठित की जाने वाली निगरानी समिति की सिफारिश पर और राज्य सरकार के पूर्व अनुमोदन से स्थानीय निवासियों की जरुरतों के लिए की जा सकेगी।
APCCF भू-अभिलेख मप्र सुनील अग्रवाल का कहना है कि केंद्र सरकार हर वन अभ्यारण्य की सीमा पर ईको सेंसेटिव जोन घोषित कर रही है। पहले सभी के लिए वन सीमा से 10 किलोमीटर दूर तक सभी निर्माण कार्य प्रतिबंधित थे,लेकिन अब हर वन अभ्यारण्य क्षेत्र की स्थिति के अनुसार अलग-अलग दूरी के हिसाब से ईको सेंसेंटिव जोन घोषित किए जा रहे हैं। यह काम पूरे देश के वन अभ्यारण्यों के लिए हो रहा है। अब यह दूरी कहीं 5 किलोमीटर है या एक किलोमीटर या इससे भी कम है।
Created On :   3 Oct 2017 3:06 PM IST