ओलावृष्टि प्रभावित किसानों की मदद के लिए राज्य ने केंद्र से मांगे 200 करोड़

Government Demand 200 crore from Central, to help effected farmers
ओलावृष्टि प्रभावित किसानों की मदद के लिए राज्य ने केंद्र से मांगे 200 करोड़
ओलावृष्टि प्रभावित किसानों की मदद के लिए राज्य ने केंद्र से मांगे 200 करोड़

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार ने ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों की मदद के लिए केंद्र सरकार से 200 करोड़ रुपए मांगे हैं। सरकार ने केंद्र को राष्ट्रीय आपदा मोचन निधि (एनडीआरएफ) के माध्यम से राशि उपलब्ध कराने को कहा है। बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में विदर्भ, मराठवाड़ा और खानदेश अंचल में हुई ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश व उससे हुए नुकसान के बारे में चर्चा हुई। मंत्रालय में प्रदेश के कृषि मंत्री पांडुरंग फुंडकर ने यह जानकारी दी। कृषि मंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावित किसानों को एनडीआरएफ की निधि से मदद दी जाएगी। इसके अलावा जिन किसानों ने रबी फसल के लिए बीमा कराया है, उन्हें बीमा कंपनी से मदद मिलेगी। 

61 तहसिलों के 1279 प्रभावित

फुंडकर ने बताया कि 10 और 11 फरवरी को हुई ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश से 1 लाख 27 हजार 322 हेक्टेयर क्षेत्र की फसलों को नुकसान और 16 जिलों की 61 तहसीलों के 1279 गांव प्रभावित हुए। जबकि 12 फरवरी की आपदा में 61 हजार 361 हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें क्षतिग्रस्त हुई हैं। इसमें 6 जिलों की 20 तहसीलों के 595 गांवों का समावेश है। उन्होंने बताया कि गेहूं, ज्वार, चना, फल और सब्जी समेत अन्य फसलों का भारी नुकसान हुआ है। फुंडकर ने कहा कि आपदा के कारण आर्थिक नुकसान कितना हुआ है। इसका पता हर फसलवार नुकसान की जानकारी हासिल होने के बाद ही लग सकेगी।

मुंडे के गलत आरोप

इसी बीच फुंडकर ने विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे के जालना में पंचनामा का काम न होने के आरोपों के जवाब में कहा कि मुंडे ने गलत आरोप लगाए हैं। मैंने इस बारे में जालना के जिलाधिकारी और पालक मंत्री बबनराव लोणीकर से बात की है। फुंडकर ने कहा कि विपक्ष को सरकार पर आरोप लगाने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि आघाड़ी सरकार के समय आपदा के समय इतनी जल्द पंचनामे का काम कभी पूरा नहीं होता था।  

स्थाई समाधान के लिए कैबिनेट में हुई चर्चा

फुंडकर ने कहा कि विदर्भ और मराठवाड़ा में हर साल ओलावृष्टि के कारण फसलों का नुकसान हो रहा है। मंत्रिमंडल में इससे निपटने और स्थायी समाधान के बारे में चर्चा हुई। फुंडकर ने बताया कि अधिकारी प्रभावित जिलों में खेतों पर जाकर नुकसान का पंचनामा कर रहे हैं। लेकिन बुलढाणा में अधिकारियों के साथ-साथ ड्रोन से नुकसान के बारे में पता लगाया जा रहा है। बुलढाणा में ड्रोन का इस्तेमाल पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में किया जा रहा है। 

किसानों को कितनी मिलेगी मदद 

फुंडकर ने बताया कि जिन किसानों ने फसल का बीमा नहीं कराया है लेकिन ओलावृष्टि के कारण उनकी फसलों का नुकसान हुआ है। ऐसे किसानों को एनडीआरएफ के मापदंड के अनुसार प्रति हेक्टेयर 18 हजार रुपए मिलेंगे। विदर्भ और मराठवाड़ा के प्रभावित किसानों को बागायत की फसलों (सिंचाई क्षेत्र वाले) के लिए प्रति हेक्टेयर 13 हजार 500 रुपए दिए जाएंगे। जबकि जिरायत की फसलों (कम पानी वाले क्षेत्र) के लिए प्रति हेक्टेयर 6 हजार 800 रुपए की मदद मिल सकेगी। वहीं जिन किसानों के फलों का नुकसान हुआ है, ऐसे किसानों ने फल बीमा कराया होगा तो उन्हें संतरा और मोसंबी के लिए अधिकतम प्रति हेक्टेयर 23 हजार 300 रुपए दिए जाएंगे। 

12 फरवरी को हुआ नुकसान 

राज्य में 12 फरवरी को ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश से छह जिले प्रभावित हुए। इसमें नागपुर के तीन तहसील के 103 गांव, चंद्रपुर के तीन तहसील के 40 गांव, वर्धा के तीन तहसील के 82 गांव, हिंगोली के दो तहसील के 10 और उस्मानाबाद की उमरगा तहसील के 96 गांव और परभणी के पूर्णा तहसील के 32 गांव शामिल हैं।  

Created On :   15 Feb 2018 9:40 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story