वित्त आयोग से विदर्भ-मराठवाडा के लिए सरकार ने मांगे 25 हजार करोड़

Government demands  25000 crores for  Vidarbha-Marathwada
वित्त आयोग से विदर्भ-मराठवाडा के लिए सरकार ने मांगे 25 हजार करोड़
वित्त आयोग से विदर्भ-मराठवाडा के लिए सरकार ने मांगे 25 हजार करोड़

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने केंद्र सरकार के 15 वें वित्त आयोग से मराठवाड़ा और विदर्भ अंचल के संतुलित सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए 25 हजार करोड़ रुपए की विशेष निधि देने की मांग की है। उन्होंने मुंबई के लिए 50 हजार करोड़ रुपए मांगा है। प्रदेश सरकार ने केंद्रीय करों में से महाराष्ट्र को मिलने वाले हिस्से को 42 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की सिफारिश वित्त आयोग से की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जीएसटी प्रणाली लागू होने से केंद्रीय कर संकलन में बड़े पैमाने पर वृद्धि होने का अनुमान है। इसलिए वित्त आयोग को निष्पक्ष रूप से राज्यों को धनराशि के वितरण का मापंदड तैयार करते समय प्रदेश की कार्यक्षमता और निधि का प्रभावी रूप से इस्तेमाल करने की क्षमता का विचार करना चाहिए।

125 तहसीले मानव विकास सूचकांक में पीछे 

बुधवार को महाराष्ट्र की जरूरतों के बारे में प्रदेश सरकार की तरफ से वित्त आयोग के सामने राज्य अतिथिगृह सह्याद्री में प्रेजेंटेशन दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के 36 जिलों में से 16 जिलों की प्रति व्यक्ति आय राज्य की औसत प्रति व्यक्ति आय से कम है। इन 16 में से 14 जिलों की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से कम है। राज्य की 351 तहसीलों में से 125 तहसीलें मानव विकास सूचकांक में पिछड़ी हैं। इसमें मराठवाड़ा और विदर्भ की कई तहसीलों का समावेश है। इसलिए दोनों अंचल को समान विकास के लिए 25 हजार करोड़ रुपए की आर्थिक मदद मिलनी चाहिए। 

प्रदेश के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने वित्त आयोग से कहा कि बेहतर काम करने वाले महाराष्ट्र को आर्थिक शक्ति प्रदान करना चाहिए। मुनगंटीवार ने कहा कि नगर निकायों में विभिन्न सुविधाओं के लिए अगले तीन से पांच साल में 4 हजार 200 करोड़ रुपए की निधि की जरूरत पड़ेगी। इसके अलावा ग्राम पंचायतों की तरह जिला परिषदों और पंचायत समितियों को मुलभूत सुविधाओं के लिए निधि उपलब्ध कराई जाए। मुनगंटीवार ने कहा कि पुरानी अल्पबचत योजना की 65 हजार 445 करोड़ रुपए के कर्ज पर वसूले जा रहे ब्याज के बोझ से राज्य को मुक्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कर्ज के ब्याज के पुर्नगठन की मांग की। 

आर्थिक रूप से प्रदेश सक्षम, दो गुने हुए करदाता  

मुनगंटीवार ने कहा कि महाराष्ट्र आर्थिक रूप से सक्षम है। प्रदेश में जीएसटी लागू होने से वार्षिक राजस्व में 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। प्रदेश में करदाताओं के पंजीयन में हर महीने 30 हजार कि बढ़ोतरी हो रही है। राज्य में करदाताओं की संख्या 7.50 लाख से 14 लाख पहुंच गई है। 

राज्य सरकार की मांगें 

-    राज्य सरकार ने वित्त आयोग को न्यायपालिकों में मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 1 हजार 700 करोड़
-     वन-वन्यजीव संरक्षण और राज्य के हरित क्षेत्र के विकास के लिए 1 हजार 177 करोड़
-    राज्य में जैवविविधता के संरक्षण, संवर्धन और जतन और समुद्र किनारों की सुरक्षा के लिए 1 हजार 400 करोड़
-     सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों, स्मारक, किलो व नाटक गृहों कि मरम्मत और देखभाल के लिए 825 करोड़ रुपए दिए जाने का प्रस्ताव रखा है। 

 

Created On :   19 Sept 2018 5:02 PM GMT

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