सरकारी विभागों पर बिजली विभाग का करोड़ों बकाया, कोयला खरीदने के लिए सरकार से मांगे पैसे 

Government departments owe crores of electricity department
सरकारी विभागों पर बिजली विभाग का करोड़ों बकाया, कोयला खरीदने के लिए सरकार से मांगे पैसे 
महावितरण सरकारी विभागों पर बिजली विभाग का करोड़ों बकाया, कोयला खरीदने के लिए सरकार से मांगे पैसे 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बकाया बिजली बिलों की वसूली न होने से परेशान सरकारी बिजली कंपनी महावितरण ने अब राज्य के नगरविकास विभाग और ग्रामिण विकास विभाग से गुहार लगाई है कि स्ट्रीट लाईट व जलापूर्ति के बकाया बिजली बिलों का तुरंत भुगतान करें जिससे कोयला खरीदा जा सके। सरकारी बिजली कंपनी के पास कोयले का भंडारण भी खत्म हो चुका है। ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकारी बिजली कंपनी महानिर्मिती के पास कोयला का स्टाक नहीं बचा है और कोयला खरीदने के लिए पैसों की जरुरत है। जबकि सरकारी विभागों के बकाया बिलों का भुगतान नहीं हो पा रहा है। अधिकारी ने बताया कि ग्रामीण इलाकों की स्ट्रीट लाईट का 5684 करोड़ रुपए बकाया है जबकि जलापूर्ति योजनाओं के 1647 करोड़ के बिजली बिल नहीं वसूल हो सके हैं। यानी ग्रामिण विकास पर ही बिजली विभाग का 7331 करोड़ बकाया है। इसी तरह नगरपालिका, महानगरपालिकाओं के स्ट्रीट लाईट के 441 करोड़ और जलापूर्ति के 98.1 करोड़ यानी नगर विकास विभाग के पास 539 करोड़ रुपए बिजली बिलों का बकाया है। सूत्रों के अनुसार बकाया बिजली बिलों की वसूली के लिए ऊर्जा मंत्री नितीन राऊत ने वित्त विभाग के साथ बैठक की मांग की थी पर अभी तक यह बैठक नहीं हो पाई है। वित्त विभाग बकाया बिजली बिलों के भुगतान में रुचि नहीं दिखा रहा है। जबकि करोड़ों रुपयों के बकाया बिजली बिलों के चलते सरकारी बिजली कंपनी की हालत खस्ता होती जा रही है। 

दिनेश वाघमारे, प्रमुख सचिवः ऊर्जा विभाग के मुताबिक बकाया बिजली बिलों के भुगतान के लिए नगर विकास विभाग और ग्रामीण विकास विभाग को पत्र लिखा गया है। इसको लेकर जल्द ही इन दिनों विभागों के अलावा वित्त विभाग के साथ बैठक होने वाली है।’
                           
बकाया बिजली बिलों का बोझ    

•    ग्रामीण स्ट्रीट लाईट-      5684 करोड़
•    जलापूर्ति                      1647 करोड़
•    नपा-मनपा स्ट्रीट लाईट   441 करोड़
•    नपा-मनपा जलापूर्ति      98.1 करोड़
•    कृषि पंप                      63459 करोड़

Created On :   7 Oct 2021 7:45 PM IST

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