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सरकार न सोचती है, न समझती है और न समझने वालों को सुनना चाहती है -कन्नन गोपीनाथन
डिजिटल डेस्क, नागपुर । केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर राज्य से धारा 370 हटाने के बाद नेताओं को नजरबंद और लोगों को प्रदर्शन से रोकने के विरोध में अपने पद से इस्तीफा दे चुके पूर्व आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि सरकार का काम है कि लोगों के जीवन को आसान बनाए, लेकिन यह लोगों को परेशानी में डाल रही है। पहले नोटबंदी करके लोगों को लाइन में खड़े करवाया। जीएसटी लागू कर उद्योग और व्यापारियों की परेशानी बढ़ाई, फिर धारा 370 हटाकर पूरे जम्मू-कश्मीर के लोगों को खुली जेल में बंद कर दिया। इन्हें करना क्या है, यह नहीं पता है। निर्णय तो ले लेते है, पर जाना कहां पता नहीं है। हम देश के लिए परेशान हो सकते हैं, लेकिन सरकार के लिए नहीं। देश को इनकी बेवकूफी से बचाना है। यह न सोचते है, न समझते है और न समझने वालों को सुनना है। सिर्फ कुछ तूफानी करना है, करके कर रहे है।
किसी का सवाल पूछना प संद नहीं
गुरुवार को वीआईपी रोड, वनामति स्थित वसंतराव नाईक सभागृह में डॉ. बाबासाहब आंबेडकर विद्यार्थी संगठन (बासा) व फ्रेंड्स ऑफ डेमोक्रॉसी द्वारा संविधान जागर कार्यक्रम का आयोजन किया था। कार्यक्रम में बतौर प्रमुख अतिथि वे बोल रहे थे। पूर्व आईएएस अधिकारी गोपीनाथन ने कहा कि सरकार को करना क्या है, यह नहीं पता है। चलो मान लेते है कि एनआरसी लागू हो गया। 2 करोड़ घुसपैठियां को ढूंढकर निकाला। क्या इन्हें पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान भेजेंगे। इनको लगता है 70 साल में कुछ नहीं हुआ। इसलिए 1950 के घोषणापत्र को उठाकर उसी एजेंडे को लागू कर रहे है। इनको लग रहा था सब शांत रहेंगे। कोई कुछ नहीं करेगा। लेकिन संपूर्ण देश के विद्यार्थी अब सड़कों पर आ रहा है। यह इन्हें पसंद नहीं है। इसलिए सरकार से सवाल पूछने वाले को अर्बन नक्सल, टुकड़े-टुकड़े गैंग, देशद्रोही, आतंकवादी कहा जा रहा है। पढ़े-लिखे, प्रतिष्ठित व्यक्ति की छवि खराब की जा रही है। इन्हें सवाल करने वाले पसंद नहीं है। जनता को सरकार से सवाल करना होगा। अगर जनता सवाल पूछना बंद कर देगी तो सरकार तानाशाह हो जाएगी। बासा के अध्यक्ष भूषण वाघमारे ने उनका स्वागत और परिचय कराया।
यह देश गांधी और आंबेडकर का है
पूर्व आईएएस ने कहा कि सरकार को लगता है कि किसी को सबक सिखाने से कोई और खुश होता है, इसलिए निर्णय लेते है। जम्मू-कश्मीर के साथ यहीं हुआ। इस तरह की छवि बनाई गई की जम्मू-कश्मीर देश से अलग है। पहले भी वह देश का हिस्सा था और आज भी है। लेकिन अब जो सरकार ने किया है, वह भविष्य के लिए घातक होगा। यह देश गोलवलकर का कभी नहीं हो सकता है। यह देश गांधी और आंबेडकर का है।
सरकार पर दर्ज हो
हत्या का मामला
पूर्व आईएएस गोपीनाथन ने कहा कि केंद्र सरकार पर हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए। नोटबंदी में 125 लोगों की जान गई। कश्मीर में लोग मारे गए। सीएए-एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन में लोग मारे गए। ये सब सरकार की पॉलिसी के कारण हो रहा है, इसलिए सरकार को तुरंत मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
Created On :   3 Jan 2020 1:05 PM IST