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संविधान समझाने में सरकार रही विफल : डॉ. उदय निरगुडकर
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) देश अपरिहार्यता है। इन कानून से संबंधित जानकारी मुस्लिमों तक पहुंचाना प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है। यह काम पहले ही हो जाना चाहिए था, लेकिन इस काम में सरकार विफल रही। जिस कारण असंतोष खुलकर सामने आ रहा है। यह प्रतिपादन वरिष्ठ पत्रकार व राजनीतिक विश्लेषक डॉ. उदय निरगुडकर ने किया। भारत विकास परिषद के पश्चिम नागपुर शाखा द्वारा ‘सीएए और एनआरसी-वास्तव जान लें’ विषय पर डॉ. उदय निरगुडकर का व्याख्यान आयोजित किया था।
पूर्व केंद्रीय मंत्री हंसराज अहीर की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में भारत विकास परिषद के विदर्भ अध्यक्ष चंद्रशेखर घुशे, पश्चिम नागपुर शाखा के अध्यक्ष अविनाश पाठक मंच पर उपस्थित थे। डॉ. निरगुडकर ने कहा कि सीएए संसद ने पारित किया। संसद ने पारित किए कानून को देश के लिए घातक बताना, एक तरह से संसद और सांसदों पर अविश्वास जताना है। हम शरणार्थी किसे कहे और किसे घुसपैठिए, इसका खुलासा होना जरूरी है। वास्तविकता यह है कि सीएए आज का नहीं, पुराना है। पुराने कानून में संशोधन है।
आज उसका क्रियान्वयन हुआ, बस इतना ही है। यहां जन्में मुस्लिमों को कोई खतरा नहीं, यह उन्हें समझाने की जरूरत है। विरोधक सीएए मुद्दे पर बंट गए है। कांग्रेस मुख्य विरोधी पक्ष रहेगा या नहीं, यह भी कहना मुश्किल है। भाजपा विरूद्ध लड़ने का कांग्रेस का स्ट्राइक रेट कम हो गया है। एनआरसी अभी तक अस्तित्व में नहीं है। लेकिन उसे उछालने का राजनीतिक दांव है। राजनीतिक पार्टियों ने सर्वधर्म समभाव की व्याख्या सुविधा अनुसार की है। प्रास्तावना अविनाश पाठक ने रखी। संचालन धनश्री अंजनकर-पाटील ने एवं आभार सचिव श्रुति देशपांडे ने माना।
Created On :   29 Jan 2020 1:57 PM IST