हाथ से मैला उठाने को लेकर सर्वेक्षण की स्थिति के बारे में सरकार ने अब तक नहीं दी जानकारी

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हाईकोर्ट हाथ से मैला उठाने को लेकर सर्वेक्षण की स्थिति के बारे में सरकार ने अब तक नहीं दी जानकारी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को हाथ से मैला उठाने की प्रथा को लेकर सर्वेक्षण में हुई प्रगति के बारे में जानकारी देने के लिए 4 अक्टूबर तक समय दिया है। हाईकोर्ट ने 17 सितंबर 2021 को राज्य सरकार को हाथ से मैला उठाने की प्रथा के बारे में सर्वेक्षण का आदेश दिया था। क्योंकि साल 2013 में कानून बनाकर इस प्रथा पर रोक लगाई गई थी। दरअसल महानगर की एक निजी हाउसिंग सोसायटी की सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान साल 2019 में तीन मजदूरों की मौत हो गई थी। कोर्ट ने तीनों मजदूरों की पत्नियों को दस-दस लाख रुपए मुआवजा प्रदान किया था। तीन महिलाओं ने सरकार की ओर से प्रोहिबिशन आफ इम्पालॉयमेंट मैन्युअल एक्साकावेंजिंग एंड रिहैबिलिटेसन अधिनियम 2013 के तहत मुआवजा प्रदान करने की मांग की थी। मुआवजे के आदेश के आदेश के साथ ही हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को हाथ से मैला उठाने की प्रथा को लेकर सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था। यहीं नहीं कोर्ट ने मजदूरों की मौत को लेकर संबंधित लोगों के खिलाफ गोवंडी पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर को भी देखने को कहा था। 

न्यायमूर्ति एसवी गंगापुरवाला व न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ के सामने जब यह याचिका सुनवाई के लिए आयी तो याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रही अधिवक्ता आभा सिंह ने कहा कि मजदूर की विधवा पत्नियों को मुआवजे के तौर पर दस-दस लाख रुपए मिल गए है। लेकिन हाथ से मैला ढोने की प्रथा के सर्वेक्षण व प्रकरण को लेकर दर्ज एफआईआर में क्या प्रगति हुई है। इस बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आ रही है। अधिवक्ता सिंह ने कहा कि हाईकोर्ट ने अपने सिंतबर 2021 के फैसले में कहा है कि राज्य सरकार महाराष्ट्र में पूरी तरह से हाथ से मैला उठाने की प्रथा को खत्म करे। अधिवक्ता सिंह ने कहा कि सरकार की ओर से अब तक इस बारे में कोई भी ब्यौरा रिकार्ड में नहीं लाया गया है। 

वहीं सरकारी वकील पूर्णिमा कंथारिया ने कहा कि यह याचिका काफी समय बाद सुनवाई के लिए आयी है। इसलिए उन्हें हाथ से मैला ढोने को लेकर सर्वेक्षण की वस्तु स्थिति व मजदूरों के मौत के मामले दर्ज एफआईआर के स्थित के बारे में जानकारी जुटाने के लिए समय दिया जाए। सरकारी वकील के इस आग्रह के मद्देनजर खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई 4 अक्टूबर 2022 तक के लिए स्थगित कर दी। 

 

Created On :   23 Aug 2022 9:52 PM IST

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