सरकारी अस्पताल की दवाएं नाले में बहा दीं, विभाग पर उठे कई सवाल

Government hospitals medicine in sewage before expiry date
सरकारी अस्पताल की दवाएं नाले में बहा दीं, विभाग पर उठे कई सवाल
सरकारी अस्पताल की दवाएं नाले में बहा दीं, विभाग पर उठे कई सवाल

डिजिटल डेस्क सिवनी । सरकारी दवाओ के नष्टीकरण की व्यवस्था में बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। बालाघाट जिले में जो दवाएं अमानक पाई गई थी उन्हें सिवनी के जंगल में लाकर फेंक दिया। जिले से करीब 8 किमी दूर बालाघाट रोड पर सेलुआ घाटी के जंगल में रविवार को सरकारी दवाओं से भरे 6 कार्टून लावारिस हालत में नाले के पास पड़े मिले। इस मामले की जानकारी वरिष्ठ अफसरों को मिलने के बाद उन्होंने जांच का हवाला दिया है।
बालाघाट भेजी थी दवाएं
जानकारी के अनुसार जबलपुर की किसी कंपनी के माध्यम से दवा बालाघाट को सप्लाई की गई थी। इसमें पैरासिटामॉल और ओआरएस थे। कुछ दिनों पहले ये दवाएं अमानक पाई गई। ऐसे में बालाघाट के स्वास्थ्य विभाग की कमेटी ने इन दवाओं को नष्टीकरण के लिए निर्णय लिया। इन दवाओं को बाया मेडिकल वेस्ट उठाने वाल कंपनी को करीब 4 दिन पहले दे दिया गया था।
2018 में होना है एक्यपायरी
दवाओं के लेबल में स्पष्ट लिखा है कि दवा 2018 में एक्सपायर होना है। इसके बाद भी समय से पहले ये दवाएं अमानक पाई गई। गनीमत तो यह रही कि इन दवाओं को किसी मवेशी या वन्यजीव ने नहीं खाया।
इनका कहना है
दवाएं अमानक पाए जाने पर कमेटी के निर्णय पर उसे नष्टीकरण के लिए भेजा था। दवा जंगल में मिली है तो इसकी जांच कराई जाएगी।
डॉ केके खोसला, सीएमएचओ, बालाघाट
पेंच के प्रबंधन की तर्ज पर श्रीलंका के रेंजर करेंगे काम-  पेंच टाइगर रिजर्व में होने वाले बेहतर प्रबंधन की तर्ज पर श्रीलंका में भी काम किया जाएगा। इसके लिए श्रीलंका से आए 28 रेंजरों को दो दिनों की ट्रेनिंग पेंच में दी गई। शुक्रवार और शनिवार को पेंच के हर क्षेत्र को रेंजरों को बताया। श्रीलंका फारेस्ट डिर्पाटमेंट के रेंजरों को ट्रेनिंग देने के लिए वाईल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया(डब्लूआईआई) ने पेंच को अधिकृत किया था।
ये प्रबंधन जाना
रेंजरों को ग्रॉसलेंड मैनेजमेंट के अलावा टाइगर कंट्रोल, सर्च ऑपरेशन, पेट्रोलिंग, टूरिज्म मैनेजमेंट, फायर मैनेजमेंट, बोट कैंप, एलीफेंट कैंप मैनेजमेंट के बारे में बताया। सभी रेंजरों को पेंच के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कराया और वहां की आवोहवा से वाकिफ कराया।
इनका कहना है
दो दिनों की ट्रेनिंग में श्रीलंका के रेंजरों को पेंच का बेहतर प्रबंधन लगा। उन्हें यहां पर हर पलहुओं से जानकारी दी गई। पेंच के ग्रासलेंड और वाईल्डलाइफ मैनेजमेंट की तरह काम करने के लिए रेंजरों ने कहा है।
आशीष बंसोड़, एसडीओ,पेंच पार्क

 

Created On :   16 Oct 2017 4:27 PM IST

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