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दीक्षाभूमि के सौंदर्यीकरण व विस्तार के प्रति सरकार उदासीन
डिजिटल डेस्क, नागपुर। डॉ. बाबासाहब आंबेडकर स्मारक समिति के ट्रस्टी विलास गजघाटे ने कहा कि बौद्ध अनुयायियों का ऊर्जा स्थल कहलाने वाली दीक्षाभूमि का सौंदर्यीकरण तथा विस्तार के प्रति सरकार की भूमिका उदासीन है। साल 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 22 अक्टूबर को धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस समारोह में दीक्षाभूमि के सौंदर्यीकरण व विस्तार के लिए 350 करोड़ रुपए निधि देने की घोषणा की थी, लेकिन 6 साल में फूटी कौड़ी नहीं मिली। उसी के साथ कोराड़ी मंिदर और ताजाबाद दरगाह परिसर के लिए निधि की घोषणा की गई थी। इन दाेनों धार्मिक स्थलों के विकास कार्य अंतिम चरण में पहुंच गए हैं। सरकारों के सौतले व्यवहार से बौद्ध अनुयायियों में असंतोष है।
40 करोड़ हस्तांतरित किया गया
दीक्षाभूमि परिसर में समिति ने नवनिर्मित कार्यालय में गजघाटे ने पत्रकारों के साथ वार्ता की। उन्होंने बताया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा करने के बाद 10 नवंबर 2015 को नोएडा के डिजाइन एसोसिएट जय काकीटकर ने नागपुर सुधार प्रन्यास कार्यालय में अधिकारी व समिति पदाधिकारियों के सामने परियोजना का प्रस्तुतिकरण किया। मुख्यमंत्री के शासकीय निवास रामगिरि में पुन: प्रस्तुतिकरण किया गया। 27 मार्च 2018 को तत्कालीन मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शिखर समिति की बैठक में 100 करोड़ रुपए की पहली किस्त मंजूर की गई। दीक्षाभूमि पर धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस समारोह के मंच से 100 करोड़ में से 40 करोड़ रुपए नागपुर सुधार प्रन्यास को हस्तांतरित किया गया, लेकिन उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इस संबंध में राकांपा प्रमुख शरद पवार, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा कर विकासकार्य शुरू करने की मांग की गई है।
कृषि विभाग से जमीन की दरकार:गजघाटे ने कहा कि दीक्षाभूमि उत्तर दिशा में मध्यवर्ती स्तूप के पास कृषि विभाग की खुली जगह है। वह जगह दीक्षाभूमि को देने की सरकार से मांग की है। राज्य के कृषि मंत्री दादाजी भुसे से प्रत्यक्ष मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा गया है। उसके अतिरिक्त वर्धा रोड पर गोरक्षण संस्था के पास कृषि विद्यापीठ की खाली जगह दीक्षाभूमि को देने की मांग की है।
ऐतिहासिक बौद्ध विहार सुरक्षित रहेगा :आंबेडकर स्मारक समिति के नवनिर्मित कार्यालय की इमारत के बगल में ऐतिहासिक बौद्ध विहार है। सौंदर्यीकरण व विस्तार में उसका जतन किया जाएगा। गजघाटे ने बताया कि उस विहार में भदंत आनंद कौशल्यायण का वास्तव्य रहा।
Created On :   19 Dec 2021 5:45 PM IST