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कटी फसल जलने पर सरकार नहीं देती मुआवजा, जानिए- आखिर क्या है अन्नदाता की व्यथा
डिजिटल डेस्क, गोंदिया। गोंदिया जिला धान उत्पादन का केंद्र होने के चलते फसल की कटाई के पश्चात अनेक किसानों की फसलों को आग लग जाती है। लेकिन इस घटना में शासन से किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता का प्रावधान नहीं होने से उन्हें आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है। अपना खून- पसीना बहाने वाले पीड़ित किसानों को जिप से नाममात्र सहायता ही स्थानीय निधि से उपलब्ध होती है।
गौरतलब है कि गोंदिया जिला धान उत्पादन जिला होने के चलते बड़े पैमाने पर खरीफ व रबी की धान की फसल ली जाती है। फसल कटाई के पश्चात खेत में ढेरी लगाकर फसल को सूखने के लिए रखा जाता है। लेकिन इसके चलते अनेक किसानो की फसल की ढेरी में आग लगने तथा आपसी मतभेदों के चलते आग लगाए जाने की घटना घटित होती है। जिससे फसल के आ जाने के बावजूद भी किसानों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है। इस प्रकार की आकस्मिक घटना में शासन द्वारा मुआवजा देने का प्रावधान नहीं होने से किसान असमंजस में पड़ जाते हैं। हालांकि अनेक मामलों में किसान द्वारा जिला आपदा प्रबंधन विभाग में आवेदन तो देते हैं। लेकिन इस संदर्भ में शासन द्वारा किसी भी प्रकार के दिशानिर्देश नहीं होने से इस पर आगे की कार्रवाई नहीं हो पाती।
जिला परिषद द्वारा इस प्रकार की घटनाओं में स्थानीय निधि से कुछ आर्थिक मदद दी जाती है। जिसमें 1 हेक्टेयर की फसल को 7.5 हजार रुपए व 2 हेक्टेयर तक की फसल को 15 हजार रुपए तक का सहायता देने का प्रावधान है। लेकिन इस प्रावधान के अंतर्गत जली फसल का कितना नुकसान हुआ है उसमें 75 रुपए आर के अनुपात में नुकसान भरपाई दी जाती है। जिसके लिए संबंधित पीड़ित किसानों को पंचायत समिति में जिला कृषि अधिकारी जिला परिषद के नाम से आवेदन करना होता है। जिसमें मुख्य रूप से कृषि भूमि का सातबारा, गांव नमूना आठ, पुलिस शिकायत, पटवारी का पंचनामा तथा जले हुए फोटो के साथ ग्राम पंचायत का प्रमाणपत्र साथ में संलग्न करना होता है।
विशेष यह है कि दीपावली के पश्चात धान कटाई शुरू होने से जिले में अब तक अनेक किसानों को इस प्रकार की आग लगने की घटना में नुकसान हो चुका है। लेकिन जानकारी के अभाव में अब तक सिर्फ 9 किसानों के ही प्रस्ताव जिप के कृषि विभाग में पहुंचे हैं। जिनकी संपूर्ण जांच कर आर्थिक मुआवजा मंजूर किया गया।
जिप कृषि विभाग में करें आवेदन
धान फसल कटाई के पश्चात आग लगने पर मुआवजा देने शासन की योजना नहीं है। लेकिन जिप कृषि विभाग के माध्यम से पीडि़त किसानों को स्थानीय निधि से सहायता दी जाती है। इस प्रकार की घटना होने पर संबंधित पंचायत समिति में जिप कृषि अधिकारी के नाम से आवेदन करें, जिससे उन्हें सहायता उपलब्ध कराई जा सके।
(शैलजा सोनवाने, सभापति कृषि विभाग, जिप गोंदिया)
Created On :   12 Dec 2018 2:14 PM IST