पुरानी पेंशन योजना लागू करने सरकार पूरी तरह से नकारात्मक नहीं- उपमुख्यमंत्री

Government is not completely negative about implementing the old pension scheme
पुरानी पेंशन योजना लागू करने सरकार पूरी तरह से नकारात्मक नहीं- उपमुख्यमंत्री
करेंगे बैठक पुरानी पेंशन योजना लागू करने सरकार पूरी तरह से नकारात्मक नहीं- उपमुख्यमंत्री

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार राज्य के सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना लागू करने को लेकर पूरी तरह से नकारात्मक नहीं है। लेकिन सरकार के लिए पुरानी पेंशन को तत्काल लागू करने की घोषणा करना कठिन है। विधान परिषद में उपमुख्यमंत्री तथा वित्त मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने यह जानकारी दी। शुक्रवार को प्रश्नकाल में कांग्रेस सदस्य राजेश राठोड ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने को लेकर सवाल पूछा था। इसके जवाब में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पुरानी पेंशन को लागू करने को लेकर पूरी तरह से नकारात्मक नहीं है। सरकार के लिए यह प्रतिष्ठा का मुद्दा नहीं है। सरकार को पुरानी पेंशन को लेकर रास्ता निकालना है। लेकिन यह रास्ता एक दिन में नहीं निकल पाएगा। सरकार पुरानी पेंशन को लेकर अध्ययन कर रही है। हमें राज्य सरकार को चलाने के लिए आवश्यक आर्थिक क्षमता को कम किए बिना पेंशन योजना के लिए विकल्प खोजना पड़ेगा।  

विकल्प खोजने कर्मचारी संगठनों के साथ बैठक करेंगे 

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मुझसे सरकारी कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा है कि उनके पास पुरानी पेंशन को लागू करने को लेकर एक विकल्प है। जिससे सरकार की तिजोरी पर भार नहीं पड़ेगा। इसलिए मैं राज्य के सभी मान्यता प्राप्त सरकारी कर्मचारी संगठनों के साथ बैठक करूंगा। बजट अधिवेशन खत्म होने के बाद यह बैठक होगी। उस बैठक में राज्य के वित्त विभाग और नियोजन विभाग के सचिव को भी बुलाया जाएगा। इसके बाद सरकार कर्मचारी संगठनों के पुरानी पेंशन को लेकर दिए गए विभिन्न विकल्पों का अध्ययन करेगी।

साल 2032 में बिगड़ जाएगी राज्य की आर्थिक स्थिति

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में साल 2028 के बाद से लगभग ढ़ाई साल सरकारी कर्मचारी सेवानिवृत्त होंगे। यदि सरकार ने तत्काल पुरानी पेंशन को लागू करने का फैसला लिया तो फिलहाल सरकार की आर्थिक स्थिति पर कोई परिणाम नहीं होगा। लेकिन साल 2028 में सरकार की आर्थिक स्थिति खराब होने लगेगी। साल 2030 में इसका व्यापक असर देखने को मिलेगा। साल 2032 के बाद राज्य की आर्थिक स्थिति नियंत्रण के बाहर चली जाएगी। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के राजस्व का लगभग 62 प्रतिशत राशि वेतन, पेंशन और ब्याज पर खर्च हो रही है। अगले साल यह खर्च बढ़कर 68 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान, छत्तीसगढ़ सहित कुछ राज्यों ने पुरानी पेंशन को लागू किया है। जिस पर योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा है कि वर्तमान राज्य सरकारें आने वाले समय की सरकारों पर बोझ डाल रही है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पुरानी पेंशन लागू करने जैसी लोकप्रिय घोषणा से अगला चुनाव जीता जा सकता है। लेकिन किसी भी सरकार को भविष्य का विचार करना चाहिए। इसी बीच उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि विधायकों का पेंशन बंद कर दीजिए। 

सरकार हड़ताल को लेकर कर्मचारी संगठन से चर्चा करेगी
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य राजपत्रित अधिकारी महासंघ ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग को लेकर 14 मार्च से बेमियादी हड़ताल पर जाने की घोषणा की है। इस पर सरकार कर्मचारी और अधिकारी संगठन से हड़ताल पर न जाने को लेकर चर्चा करेगी।
 

Created On :   3 March 2023 10:23 PM IST

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