हड़ताली कर्मचारियों को नौकरी पर रखने को तैयार नहीं सरकार, सदमें से एक की मौत, अबतक हुई 30 मौतें
डिजिटल डेस्क, आसिफाबाद। तेलंगाना में लगभग 52 दिनों से जारी आरटीसी की हड़ताल में शामिल होना एक ड्राइवर को काफी महंगा पड़ा, उसकी हार्ट अटैक से मौत हो गई। मृतक निजामाबाद जिला के बोधन डिपो में बतौर आरटीसी ड्राइवर कार्यरत था। उसका नाम राजेंदर, उम्र 55 साल बताई जा रही है। राजेंदर के अलावा अब तक 30 से ज्यादा कर्मचारियों की गई जान जा चुकी है, जिसका असर न तो प्रशासन पर हो रहा है और न ही सरकार को तरस आ रहा है। दरअसल सोमवार शाम आरटीसी जेएसी नेताओं ने घोषणा की थी कि वे हड़ताल वापस ले रहे हैं। जेएसी नेताओं ने कर्मचारियों से कहा था कि वे मंगलवार अपने अपने डिपो जाकर ड्यूटी जॉइन कर लें, लेकिन सरकार की तरफ से साफ शब्दों में कहा गया कि हड़ताली कर्मचारियों को किसी भी कीमत पर काम पर नहीं लिया जाएगा। जिससे कर्मचारियों की हालत खराब होने लगी, उन्हें लग रहा है कि अब तो नौकरी हाथ से चली ही गई है। कई कर्मचारी ड्यूटी जॉइन करने के लिए अधिकारियों के सामने गिड़गिड़ाते हुए भी देखे गए। मुख्यमंत्री केसीआर से गुहार लगाई जा रही है।
ड्राइवर राजेंदर की मौत के बाद साथी कर्मचारियों में खासा आक्रोश है, उनका कहना है की राजेंदर की मौत हार्ट अटैक से हुई, वो काफी परेशान था। मंगलपाड गांव में जैसे तैसे अपने परिवार को पाल रहा था।
उधर संगारेड्डी में कंडक्टर के तौर पर कार्यरत भीम्ला मंगलवार सुबह ड्यूटी जॉइन करने डिपो पहुंचा। जहां अधिकारियों ने उसे ड्यूटी पर लेने से साफ इनकार कर दिया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर थाने पहुंचाया। इस दौरान उसके मुंह से झाग निकलने लगा। साथी कर्मचारियों ने उसे अस्पताल पहुंचाया। बताया जा रहा है कि नौकरी जाने के डर से भीम्ला को भी हार्ट अटैक आ गया।
कर्मचारी अधिकारियों से अपील कर रहे हैं कि उन्हें काम पर रख लिया जाए। नौकरी चले गई तो परिवार के सामने बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा। इसी चिन्ता में कुछ लोग बीमार पड़े, तो कुछ मिन्नते कर रहे हैं।
Created On :   26 Nov 2019 3:44 PM IST