सरकार पीपीपी मोड में देश भर में चिड़ियाघर को बेहतर बनाने और विस्तार की योजना तैयार कर रही है - प्रकाश जावड़ेकर

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सरकार पीपीपी मोड में देश भर में चिड़ियाघर को बेहतर बनाने और विस्तार की योजना तैयार कर रही है - प्रकाश जावड़ेकर

डिजिटल डेस्क, दिल्ली। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय सरकार पीपीपी मोड में देश भर में चिड़ियाघर को बेहतर बनाने और विस्तार की योजना तैयार कर रही है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने वन्यजीव सप्ताह समारोह 2020 के अवसर पर आज विविध वन्य जीवन के लिए देश को बधाई दी और कहा कि वन्यजीवों और मनुष्य के बीच तालमेल को बढ़ावा देने और वन्यजीवों के व्यवहार को और करीब से समझने और जानने में लोगों की मदद करने के लिए सरकार सार्वजनिक उपक्रमों (पीपीपी) के जरिए देश भर में 160 चिड़ियाघरों को बेहतर बनाने और विकास की दिशा में काम कर रही है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि देश के सभी चिड़ियाघरों को बेहतर बनाने और विकास के लिए एक नई नीति बनाई जा रही है और आगामी बजट के दौरान इसे धनराशि आवंटित की जाएगी। श्री जावड़ेकर ने कहा कि राज्य सरकारें, निगम, व्यवसाय और लोग सभी इस योजना के प्रमुख तत्व होंगे। यह आगंतुकों को विशेष रूप से छात्रों और बच्चों और आने वाली पीढ़ी को वन्यजीव, प्रकृति और मनुष्यों के बीच तालमेल विकसित करने में अनुभव बढ़ाने में मदद का काम करेगा। हम अपने चिड़ियाघरों को और बेहतर ढंग से विकसित करने एवं वन्यजीवो के संरक्षण में जनता की भागीदारी को बढ़ावा देने की दिशा में प्रयास करेंगे। चिड़ियाघरों के विकास से ही वन्यजीवों एवं मनुष्य में तालमेल सुनिश्चित किया जा सकता है।@moefcc @CZA_Delhi @DDNewslive @PIB_India pic.twitter.com/HKuXdmFoeK — Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) October 5, 2020 इस अवसर पर श्री जावड़ेकर ने सीजेडए-टेरी "पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं का आर्थिक मूल्यांकन, राष्ट्रीय प्राणी उद्यान, नई दिल्ली" नामक एक रिपोर्ट भी पेश की। यह रिपोर्ट मानव जीवन के लिए चिड़ियाघरों जैसे निवास स्थान की महत्ता को रेखांकित करती है और पूरे भारत भर में इसकी प्रतिकृकत की आवश्यकता पर बल देती है। भारत और शायद पूरी दुनिया में यह अपवनी तरह का पहला अध्ययन है। पारिस्थितिक तंत्र सेवाओं (जैव विविधता संरक्षण, रोजगार सृजन, कार्बन की कमी, शिक्षा और शोध, मनोरंजन और संस्कृति) का कुल वार्षिक आर्थिक मूल्य लगभग 423 करोड़ (2019-20) है जबकि चिड़ियाघर द्वारा प्रदान की गई कार्बन भंडारण और भूमि मूल्य जैसी सेवाओं की एकमुश्त लागत का कुल मूल्य लगभग 55,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। (ई-रिपोर्ट) मंत्री ने चिड़ियाघर के अधिकारियों और कर्मचारियों को वहां बंद रखे गए पशुओं के प्रबंधन और कल्याण के वास्ते काम करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए सीजेडए-प्राणीमित्र पुरस्कार भी दिए। पुरस्कार चार श्रेणियों में दिए गए हैं। उत्कृष्ट निदेशक / क्यूरेटर, उत्कृष्ट पशुचिकित्सा, उत्कृष्ट जीवविज्ञानी / शिक्षाविद, उत्कृष्ट जीवविज्ञानी / शिक्षाविद और उत्कृष्ट पशु रक्षक। Meet the Prani Mitra Awardees of this year, who have shown exemplary determination in their duty and compassion towards zoo animals. Congratulations, people like you keep the wheels of our Zoos running smoothly, even through difficult times.#wildlifeweek2020 pic.twitter.com/QSL4SXxTzP — Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) October 5, 2020 वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने देश भर के स्कूली बच्चों के वन्यजीव संरक्षण और मानव-वन्यजीव संपर्क के विषय में सवालों के जवाब भी दिए। उन्होंने कहा कि देश के मूल्यवान वन्यजीवों की रक्षा के लिए हम सभी को मिलकर काम करना चाहिए। भारतीय चिड़ियाघरों के कामकाज की देखरेख और पूर्व स्थिति उपायों के माध्यम से वन्यजीव संरक्षण रणनीतियों के पूरक के लिए सीजेडए स्थापित किया गया था। यह अभी पशु आवास और कल्याण में वैश्विक मानक का पालन करने वाले लगभग 160 चिड़ियाघर और बचाव केंद्रों को मान्यता देता है। इस समय भारतीय चिड़ियाघर में कुल मिलाकर 56,481 जानवरों के साथ जानवरों की 567 से अधिक प्रजातियों (लुप्तप्राय श्रेणी के तहत 114 प्रजातियां) को रखा गया है। पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) में महानिदेशक (वन) और विशेष सचिव डॉ. संजय कुमार, डीजी (वन्यजीव) श्री सौमित्र दासगुप्ता, एडीजी (प्रोजेक्ट टाइगर) और सदस्य सचिव सीजेडए डॉ. एसपी यादव और एमओईएफसीसी के अन्य वरिष्ठ ​अधिकारियों ने भी कार्य्रकम में हिस्सा लिया।

Created On :   6 Oct 2020 8:28 AM GMT

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