पैसे देकर खऱीदे गए टीके मुफ्त में वापस चाह रही सरकार, 18 अप्रैल तक की मोहलत 

Government is seeking to return the vaccines bought by paying for free
पैसे देकर खऱीदे गए टीके मुफ्त में वापस चाह रही सरकार, 18 अप्रैल तक की मोहलत 
हाईकोर्ट पैसे देकर खऱीदे गए टीके मुफ्त में वापस चाह रही सरकार, 18 अप्रैल तक की मोहलत 

डिजिटल डेस्क, मुंबई, कृष्णा शुक्ला। इस्तेमाल न हो सके कोविडरोधी टीकों को वापस लेने के मुद्दे पर राज्य सरकार 18 अप्रैल 2022 तक विचार करे। बांबे हाईकोर्ट ने यह निर्देश पालघर जिले में स्थित एक निजी मैटरनिटी होम की ओर से दायर याचिका पर पर सुनवाई के बाद दिया है। याचिका में दावा किया गया है कि मैटरनिटी होम ने कोविशिल्ड के 6000 वाइल टीके खरीदे थे। इसमें से 3490 टीके शेष बच गए है। जिनकी कीमत 21 लाख 98 हजार रुपए है।यह टीके नष्ट नहीं होने चाहिए इसलिए याचिकाकर्ता ने पहले राज्य सरकार के अधिकारियों से टीकों की रकम को वापस करने का आग्रह किया था लेकिन अधिकारियों ने टीकों को मुफ्त में लौटाने को कहा है। याचिका में मांग की गई है कि राज्य सरकार को कोविडरोधी टीके को वापस लेने से जुड़ी नीति का खुलासा करने का निर्देश दिया जाए। इस विषय को लेकर सरकार की ओर से नीति न बनाना अतर्किक व मनमानीपूर्ण है।

 याचिका में कहा गया है कि देश के प्रधानमंत्री व राज्य के मुख्यमंत्री व पालघर के जिलाधिरकारी ने टीकाकरण अभियान चलाने की अपील की थी। इसके मद्देनजर नालासोपारा स्थित विजयलक्ष्मी मैटरनिटीहोम (याचिकाकर्ता) ने भी टीकाकरण अभियान चलाया था। याचिकाकर्ता ने शुरुआत में बड़ी संख्या में वरिष्ठ नागरिकों सहित अन्य लोगों का टीकाकरण किया था।याचिकाकर्ता ने जनहित व अपने सार्वजनिक दायित्व के मद्देनजर टीकाकरण अभियान चलाया था। इसलिए टीके खरीदने में याचिकाकर्ता द्वारा खर्च की गई राशि के बारे में भी सरकार को विचार करना चाहिए। सरकार ने टीके को राष्ट्रीय संपत्ति माना है इसलिए यह सुनिश्चित होना चाहिए की टीके की एक भी खुराक नष्ट न हो। चूंकि याचिकाकर्ता ने पैसों का भुगतान करके टीके खरीदे हैं इसलिए इन्हें मुफ्त में वापस मांगना बिल्कुल भी न्यायसंगत नहीं है। 

न्यायमूर्ति गौतम पटेल व न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील सुमीत काटे ने खंडपीठ के सामने कहा कि उनके मुवक्किल के पास 3490 टीके शेष बचे है। इसमें से 349 टीके दो मई 2022 तक एक्सपायरहो जाएंगे। सरकार की ओर से टीके वापस लेने के बारे में कोई स्पष्ट नीति नहीं है। इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को अपनी मांग को लेकर राज्य सरकार क निवेदन देने को कहा है और सरकार को इस निवेदन पर 18 अप्रैल तक विचार करने को कहा है। सरकार के निर्णय के बाद अब इस याचिका पर आगे सुनवाई होगी। 

 

Created On :   14 April 2022 8:05 PM IST

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