- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- निराश्रित विकलांगों को आजीवन बालगृह...
निराश्रित विकलांगों को आजीवन बालगृह में रखने पर सरकार सकारात्मक, अमरावती की संस्था की मांग पर मंगाया प्रस्ताव
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बालगृहों में रखे जाने वाले निराश्रित विकलांग बच्चों को 18 साल की आयु पूरी होने के बाद अनाथालय से बाहर कर दिया जाता था जिससे वे पूरी तरह असहाय हो जाते हैं। ऐसे बच्चों को आजीवन बाल गृहों में रखने को लेकर सरकार कानून बनाएगी। अमरावती के समाजिक कार्यकर्ता शंकर बाबा पापलकर की मांग पर समाजकल्याण विभाग ने यह प्रस्ताव तैयार करने को कहा है। इस संदर्भ में बुधवार को हुई बैठक में समाज कल्याण विभाग के सचिव सुमंत भांगे ने इससे संबंधित प्रस्ताव सरकार के पास भेजने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव को राज्य सरकार के सामने रखा जाएगा जिससे इसको लेकर कानून बनाया जा सके।
इस मांग को लेकर पिछले 25 वर्षों से संघर्ष कर रहे पापलकर ने ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में कहा कि लावारिस विकलांग बच्चों को बालगृहों में रखा जाता है पर उनकी 18 साल की आयु पूरी होने के बाद उन्हें बालगृह से जाना पड़ता है। ऐसी स्थिति में वे असहाय हो जाते हैं। उन्हें समझ नहीं आते की वे जाए तो कहां जाए। कई बच्चे गलत रास्ता पकड़ने को मजबूर हो जाते हैं। इस लिए मैं पिछले 25 वर्षों से मांग कर रहा हूं कि ऐसे बच्चों को आजीवन बालगृह में रहने की अनुमति प्रदान की जाए। इसके लिए महाराष्ट्र सरकार को कानून बनाने की जरुरत पड़ेगी। पापलकर ने कहा कि अब उम्मीद बंधी है कि कानून बन जाएगा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में मंगलवार को हुई बैठक में वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से मौजूद समाज कल्याण विभाग (मंत्रालय) के सचिव सुमंत भांगे ने आश्वासन दिया कि इस प्रस्ताव को सरकार के सामने रखा जाएगा जिससे इसे कानून में रुपांतरित किया जा सके।
विकलांग बच्चों के लिए सरकार की तरफ से दी जाने वाली आर्थिक सहायत बहुत कम है। इस लिए हर एक बच्चे के लिए प्रति माह 10 हजार रुपए की मांग की है। फिलहाल यह राशि सिर्फ 2 हजार रुपए है। पापलकर ने कहा कि लापरिश मिलने वाले बच्चों को पिता का नाम देने में भी मुश्किल आती है, इस लिए मैं ऐसे सभी बच्चों को अपना नाम देने के लिए तैयार हूं अथवा संस्थाओं के अध्यक्ष व सचिव के नाम का इस्तेमाल अभिभावक के तौर पर किया जा सकता है। राज्य सरकार के प्रधान सचिव अतुल पाटणे की पहल पर बुलाई गई बैठक में अमरावती के विभागीय समाज कल्याण अधिकारी सुनील बारे, अमरावती के जिला समाज कल्याण अधिकारी राजेंद्र जाधवर, दिव्यांग कल्याण आयुक्त (पुणे) डा प्रशांत नारनवरे व सामाजिक कार्यकर्ता शंकर बाबा पापलकर ने भाग लिया।
Created On :   10 Aug 2022 7:35 PM IST