पवार बोले - सरकार का दावा सही नहीं, राफेल पर फैसले में सुधार के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची सरकार

Government reached Supreme Court on Rafale, Pawar said claim is not correct
पवार बोले - सरकार का दावा सही नहीं, राफेल पर फैसले में सुधार के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची सरकार
पवार बोले - सरकार का दावा सही नहीं, राफेल पर फैसले में सुधार के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राफेल डील पर राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक फैसला सरकार से मिली जानकारी के आधार पर दिया गया। सरकार ने कहा था कि कैग ने इसका अध्ययन किया है और पीएसी भी इसे मंजूरी दे चुकी है। यह बात सही नहीं है।’ उधर पीएसी के अध्यक्ष और लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने अटॉर्नी जनरल और कैग को पीएसी में तलब करने की बात कही है। उन्होंने कहा, "पैनल के सभी सदस्यों से आग्रह करेंगे कि कैग और एजी को तलब कर पूछें कि कैग की रिपोर्ट संसद में कब पेश हुई।" उन्होंने कहा कि कैग रिपोर्ट पर गलत तथ्य पेश कर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया है। सुप्रीम कोर्ट कोई जांच एजेंसी नहीं है। राफेल डील में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच सिर्फ जेपीसी कर सकती है। 

सुप्रीम कोर्ट के फैसले में पीएसी से जुड़े तथ्य की गलती पर घिरी केंद्र सरकार ने अब कोर्ट से फैसले में सुधार करने की मांग की है। केंद्र सरकार ने शनिवार को दायर अर्जी में सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सीलबंद लिफाफे में दायर जवाब का एक बिंदु समझने में गलती हुई है। सरकार ने कहा कि हमने सिर्फ प्रकिया की जानकारी दी थी कि कैग की रिपोर्ट की जांच पीएसी करती है। उसके बाद रिपोर्ट के संपादित अंश संसद और पब्लिक डोमेन में रखे जाते हैं। लेकिन समझने में गलती के चलते कोर्ट ने फैसले के 25वें पैराग्राफ में लिख दिया कि पीएसी कैग की रिपोर्ट देख चुुकी है और उसके संपादित अंश संसद और पब्लिक डोमेन में रखे गए हैं।

सरकार ने कहा कि इस पैराग्राफ के दो वाक्यों में गलती के कारण पब्लिक डोमेन में विवाद खड़ा हो गया है। न्याय के हित में इन वाक्यों में तत्काल सुधार की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के फैसले की प्रक्रिया, कीमत और इंडियन ऑफसेट पार्टनर तय करने के मुद्दों पर विचार करने के बाद शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस डील पर संदेह का कोई कारण नहीं है। आदेश के 24वें से 26वें पैराग्राफ में राफेल की कीमत पर अदालत ने अपनी राय रखी है। पीएसी और कैग वाले वाक्यों को आधार बनाकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर सुप्रीम कोर्ट में झूठ बोलने का आरोप लगाया था।

दूसरी तरफ, भाजपा के राज्यसभा सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा कि रक्षा मामलों पर स्थायी संसदीय समिति का सदस्य होने के नाते वह राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने के एजेंडे की आपराधिक जांच की संभावनाएं खंगालेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पाकिस्तान की अदालतों पर भरोसा कर सकते हैं, लेकिन हमारे सुप्रीम कोर्ट पर उन्हें भरोसा नहीं। उन्हें इमरान खान और हाफिज सईद पर भरोसा है, लेकिन भारतीय वायुसेना और थलसेना पर विश्वास नहीं करेंगे।

कांग्रेस ने कहा- सरकार बताए, राफेल पर कोर्ट में गलत तथ्य क्यों दिए
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार ने राफेल सौदे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गलत तथ्य पेश करते हुए कोर्ट को गुमराह किया है। मोदी सरकार को इसकी वजह बतानी चाहिए। कांग्रेस के नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि भाजपा यह नहीं बता रही कि जिस कैग रिपोर्ट का उसने कोर्ट में हवाला दिया है और जिसके आधार पर कोर्ट ने फैसला दिया है, वह रिपोर्ट न संसद में पेश हुई और ना ही पीएसी के पास आई है। कोर्ट के समक्ष जो तथ्य पेश किए गए हैं, उसने उसी आधार पर फैसला दिया।

विपक्ष हलफनामा पेश करे: स्वामी
भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि खड़गे सीनियर लीडर हैं, वे झूठ नहीं बोले सकते। उन्होंने कहा, ‘पीएसी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कह रहे हैं कि उन्हें कैग की रिपोर्ट नहीं मिली तो उन्हें इस पर कोर्ट में हलफनाम दायर करके पुनर्विचार की मांग करनी चाहिए।’

कांग्रेस के लिए डिफेंस सेक्टर हमेशा फंडिंग का सोर्स रहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा और डिफेंस सेक्टर या तो पंचिंग बैग या फंडिंग सोर्स रहे। मोदी ने कहा कि 1940-50  के दशक में हुए जीप घोटाले से लेकर 80 के दशक में हुए बोफोर्स घोटाले और अगस्ता वेस्टलैंड समेत पनडुब्बी घोटाले तक डिफेंस सेक्टर को लूटा है। उनका ध्यान सिर्फ पैसा बनाने पर रहता है, भले ही सेना का मनोबल टूट जाए। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने सेनाओं को ऑपरेशनल आजादी दी, ताकि वह देश को नुकसान पहुंचाने वालों को सबक सिखाएं। 

Created On :   16 Dec 2018 9:53 AM GMT

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