रैपिड एंटी बॉडी टेस्ट लागू करने पर विचार करे सरकार : हाईकोर्ट

Government should consider implementing rapid anti body test: High Court
रैपिड एंटी बॉडी टेस्ट लागू करने पर विचार करे सरकार : हाईकोर्ट
रैपिड एंटी बॉडी टेस्ट लागू करने पर विचार करे सरकार : हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने प्रदेश स्वास्थ्य मंत्रालय को कोरोना जांच के लिए रैपिड एंटी बॉडी टेस्ट लागू करने पर विचार करने को कहा है। हाईकोर्ट ने कोरोना संकट पर केंद्रित जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिए हैं। डॉ.अनूप मरार ने मध्यस्थी अर्जी दायर करके मरीजों का पता लगाने के लिए रैपिड एंटी बॉडी टेस्ट लागू करने का मुद्दा उठाया। उनके अधिवक्ता तुषार मंडलेकर ने कोर्ट में तर्क दिया कि मौजूदा पीसीआर टेस्टिंग फैसिलिटी शहर में तीन जगह पर है, लेकिन इस जांच में वक्त और पैसा दोनों ज्यादा लगते हैं। वहीं आईसीएमआर ने रैपिड बॉडी टेस्ट में लगने वाले कम समय और खर्च को देखते हुए अपनी एडवाइजरी में इसे स्थान दिया है। उन्होंने कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ने पर मरीजों को होम क्वारंटाइन करने का भी मुद्दा उठाया है। हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य मंत्रालय को इस पर विचार करने को कहा।

इसके पूर्व जिलाधिकारी रवींद्र ठाकरे ने कोरोना से निपटने के लिए अब तक किए गए प्रबंधों का ब्योरा दिया था। शपथ-पत्र में यह जानकारी दी गई थी - मेयो और मेडिकल अस्पताल में कोरोना के लिए 600 बेड तैयार किए जा रहे हैं।

-अतिदक्षता विभाग के लिए केंद्र सरकार ने कुल 25 करोड़ रुपए की निधि मंजूर की है।

-मेयो में दवाईयां और अन्य सामग्री खरीदने के लिए 10 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं।

-आपत्ति व्यवस्थापन के लिए 5 करोड़ 42 लाख रुपए मंजूर किए गए हैं।

शपथ-पत्र में यह भी बताया

-कोरोना नियंत्रण में आने के बाद भी एयरपोर्ट पर यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग जारी रहेगी।

-रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर भी इस प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी।

-फिलहाल सभी प्रकार की उद्योग इकाईयां और कार्यालय बंद करा दिए गए हैं।

-केवल जीवनावश्यक वस्तुओं से जुड़े कारखाने और कार्यालय शुरू रखे गए हैं।

और यह भी

जिले में कामगारों और मजदूरों के लिए 10 शिवभोजन थाली योजना केंद्र शुरू है। जल्द ही यह सुविधा गावों में भी शुरू की जाएगी।

सारी जानकारी रिकॉर्ड पर दर्ज

कोरोनाग्रस्त और संदेहास्पद व्यक्तियों के संपर्क मंे आने वाले कैदियों के लिए विदर्भ के प्रत्येक कारागृह में आइसोलेशन वार्ड तैयार किए गए हैं। जिलाधिकारी ने कोर्ट को बताया कि नागपुर मध्यवर्ती कारागृह में 15 आइसोलेशन वार्ड तैयार किए गए हैं। हाईकोर्ट ने यह सारी जानकारी रिकॉर्ड पर दर्ज की है। हाईकोर्ट ने सरकार को आदेशों का समयबद्ध और ईमानदारी से पालन करने की ताकीद दी है। अगली सुनवाई 20 अप्रैल को रखी गई है। मामले में याचिकाकर्ता संतोष झनवार की ओर से एड.राम हेडा ने पक्ष रखा। सू-मोटो जनहित याचिका में एड.अनुप गिल्डा न्यायालयीन मित्र की भूमिका में हैं।

Created On :   10 April 2020 2:39 PM IST

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