- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- वंदे मातरम् अनिवार्य करने सरकार...
वंदे मातरम् अनिवार्य करने सरकार बनाए कानून- राम नाईक
डिजिटल डेस्क, मुंबई। भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने कहा है कि देश में राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ का गान अनिवार्य करने के लिए कानून बनाया जाना चाहिए। सोमवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में नाईक ने कहा कि वंदे मातरम् गाने को लेकर आचार संहिता बनाई गई है। लेकिन कुछ अल्पसंख्यक संसाधनों में वंदे मातरम् नहीं गाया जाता है। ‘वंदे मातरम्’ को अनिवार्य करने के लिए कानून बनाने के बारे में दो राय है। लेकिन मुझे लगता है कि ‘वंदे मातरम्’ गाने के लिए कानून बनाया जाना चाहिए। क्योंकि देश के प्रति अभिमान जताने के ध्येय के प्रति सभी की निष्ठा होनी चाहिए। नाईक ने कहा कि बीते तीनों एक याचिका की सुनवाई के दौरान दिल्ली उच्च न्यायालय में केंद्र सरकार ने कहा है कि देश में राष्ट्रगान जन गण मन और राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ का दर्जा एक समान है। मैं केंद्र सरकार की इस भूमिका के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का अभिनंदन करता हूं। केंद्र सरकार की भूमिका एकदम उचित है।
नाईक की मांग पर संसद में शुरु हुआ था राष्ट्रगान-राष्ट्रगीत
नाईक ने कहा कि देश में 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू होने के 42 साल बाद भी संसद में राष्ट्रगान अथवा राष्ट्रगीत नहीं होता था। मैंने लोकसभा में 9 दिसंबर 1991 को आधे घंटे की चर्चा के माध्यम से राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत गान की मांग की थी। मेरी मांग के बाद ही लोकसभा में सत्रावसान के समय 23 दिसंबर 1992 को वंदे मातरम् गाया गया था। जबकि उस समय सत्र शुरू होने पर 24 नवंबर 1992 के दिन जग गण मन.. गाया गया था। वह दिन मेरे संसदीय जीवन के लिए स्वर्णिम दिवस था। उस समय मेरे द्वारा उठाए गए मुद्दों के जवाब में तत्कालीन केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री अर्जुन सिंह ने कहा था कि उदासीनता के कारण राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत नहीं गाया जाता है। इस मुद्दे पर सिंह ने लोकसभा के तत्कालीन अध्यक्ष शिवराज पाटील से फैसला लेने का आग्रह किया था। जिसके बाद संसद के काम के संबंध में नियम बनाने वाली एक समिति ने संसद सत्र शुरू होने पर राष्ट्रगान और सत्र के समापन पर राष्ट्रगीत गायन शुरू किया था।
Created On :   7 Nov 2022 8:47 PM IST