लोगों को दवा उपलब्ध कराने वाले फिल्मी सितारों को नोडल अधिकारी बना दे सरकार - हाईकोर्ट

Government should make  nodal officers to films stars who provide medicines to people - High Court
लोगों को दवा उपलब्ध कराने वाले फिल्मी सितारों को नोडल अधिकारी बना दे सरकार - हाईकोर्ट
लोगों को दवा उपलब्ध कराने वाले फिल्मी सितारों को नोडल अधिकारी बना दे सरकार - हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार नागरिकों को कोरोना के इलाज के लिए जरूरी रेमडेसिविर इंजेक्शन व दूसरी दवाई उपलब्ध करनेवाले फिल्मी सितारों व राजनेताओं को नोडल अधिकारी नियुक्त करने पर विचार करें। ताकि लोग इनसे रेमडेसिविर के लिए संपर्क कर सकें। इससे पहले कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से केंद्र से रेमडेसिविर की और मांग पर भी सवाल उठाए। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार दावा कर रही है कि महाराष्ट्र में कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या में कमी आ रही है तो फिर रेमडेसिविर की मांग क्यों बढ़ रही है। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह को निर्देश दिया कि वे केंद्र व महाराष्ट्र के अधिकारियों की रेमडेसिविर की जरूरत व आपूर्ति को लेकर एक ऑनलाइन बैठक रखे। जिससे रेमडेसिविर के मुद्दे पर स्पष्टता आ सके। खंडपीठ के सामने कोरोना के उपचार में कुप्रबंधन के मुद्दे को लेकर अधिवक्ता स्नेहा मार्जदी कि ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से हलफनामा दायर कर बताया गया है महाराष्ट्र को रेमडेसिविर की रोजाना 70 हजार शीशियों की जरूरत है। जबकि उसे रोजाना 45 हजार इंजेक्शन ही मिल रहे हैं। वहीं केन्द्र सरकार ने हलफनामा दायर कर कहा कि इस साल 21 अप्रैल 2021 तक महाराष्ट्र को आठ लाख रेमडेसिविर इंजेक्शन की शीशियां आवंटित की गई है। इसमें से राज्य सरकार को 5,85,062 इंजेक्शन की शीशियां मिल चुकी है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि यदि इंजेक्शन के आंकड़ों को लेकर भिन्नता है तो इसे समाप्त करने के लिए केंद्र व राज्य सरकार के अधिकारियों की संयुक्त बैठक की जाए। तभी समस्या का जड़ से खात्मा होगा। 

सेलिब्रेटी उपलब्ध करा रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन

इस बीच याचिकाकर्ता के वकील राजेश इनामदार ने कहा कि राज्य के कई अस्पताल रेमडेसिविर व टॉइलजुमब दवा की कमी से जूझ रहे है। लेकिन कुछ नेता व फिल्मी सेलिब्रिटी लोगों को यह उपलब्ध करा रहे हैं। इस बारे में लोग नेताओं व सेलिब्रिटी से सोशल मीडिया के माध्यम से मदद के लिए आग्रह करते हैं। अस्पतालों के बाहर ये दवा न मिलने के चलते मजबूरन लोगों को नेताओं व फिल्मी सितारों से संपर्क करना पड़ता है। एक अभिनेता तो लोगों की मदद कर देशभर में लोकप्रिय हो गए हैं। वे हर जगह लोगों को मदद पहुंचा रहे हैं। वे मदद कर रहे अच्छी बात है लेकिन उन्हें दवाओं का स्टॉक कहा से मिल रहा है। यह गंभीर सवाल है जबकि अस्पतालों के पास रेमडेसिविर ही नहीं है। वहीं राज्य सरकार ने लोगों की रेमडेसिविर से जुडी मदद के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए है। लेकिन लोग उनके पास नहीं जा रहे हैं। इस पर खंडपीठ ने कहा कि सरकार फिल्मी सितारों व नेताओं को नोडल अधिकारी नियुक्त करने पर विचार क्यों नहीं करती। खंडपीठ ने कहा कि हम ऐसे लोगों की ओर से की जा रही मदद पर रोक नहीं लगाएंगे। लेकिन मदद चुनिंदा लोगों की बजाय हर जरूरतमंद तक पहुचनी चाहिए। हम यहां न्याय करने के लिए है। हम कानून के खिलाफ नहीं जा सकते। खंडपीठ ने फिलहाल केंद्र व राज्य सरकार को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है और मामले की सुनवाई 19 मई 2021 तक के लिए स्थगित कर दी है। 
 

Created On :   12 May 2021 8:11 PM IST

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