जिप अध्यक्ष आरक्षण रोस्टर पर सरकार खामोश, इच्छुकों में बेचैनी

Government silent on JIP president reservation roster, uneasiness among the aspirants
जिप अध्यक्ष आरक्षण रोस्टर पर सरकार खामोश, इच्छुकों में बेचैनी
नागपुर जिप अध्यक्ष आरक्षण रोस्टर पर सरकार खामोश, इच्छुकों में बेचैनी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला परिषद अध्यक्ष का ढाई साल का कार्यकाल 18 जुलाई को समाप्त हुआ। नए अध्यक्ष का चुनाव कराने 16 जुलाई को विशेष सभा बुलाई गई थी। उससे पहले ही तत्कालीन महाविकास आघाड़ी सरकार ने जिप अध्यक्ष का कार्यकाल 3 महीने बढ़ाने की अधिसूचना जारी कर दी थी। इस बीच, राज्य में सत्ता परिवर्तन हो गया। एकनाथ शिंदे नए मुख्यमंत्री बने। अध्यक्ष पद के बढ़ाए गए कार्यकाल के दो महीने निकल गए। एक महीना बचा है। जिप अध्यक्ष के आरक्षण रोस्टर की फाइल मंत्रालय में पड़ी है। सरकार ने इस विषय पर कोई निर्णय नहीं लिया है। सरकार की खामोशी से अध्यक्ष बनने के लिए इच्छुकों की बेचैनी बढ़ गई है।

इच्छुकों कीफिल्डिंग  राज्य स्तर पर भले ही अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा सभापति चुनाव को लेकर कोई हलचल नहीं है, लेकिन बढ़ाया गया कार्यकाल समाप्त होने में एक महीना बचने से पद के लिए इच्छुकों ने अंदरूनी फिल्डिंग लगाना शुरू कर दिया है। नेताओं से करीबी बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। जिप में पूर्व मंत्री सुनील केदार का वर्चस्व है। उनकी सहमति से ही पदों का बंटवारा तय होना माना जा रहा है।

उपाध्यक्ष तथा सभापति चुनाव भी खटाई में : अध्यक्ष के साथ ही उपाध्यक्ष, विषय समिति सभाति तथा पंचायत समिति चुनाव भी खटाई में पड़ गए। जब तक अध्यक्ष के रोस्टर की घोषणा नहीं होती, तब तक सभी चुनाव राेक दिए गए हैं। अध्यक्ष और पंचायत समिति सभापति पद को आरक्षण लागू है। उपाध्यक्ष तथा विषय समिति सभापति पद के लिए आरक्षण लागू नहीं है, लेकिन अध्यक्ष पद के लिए जारी अधिसूचना इन पदों के लिए लागू कर चुनाव पर रोक लगा दी गई है।

ओबीसी आरक्षण के पेंच में बढ़ा कार्यकाल

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राजनीति में ओबीसी आरक्षण का पेंच फंस गया था। महाविकास आघाड़ी सरकार ओबीसी आरक्षण पर अंतिम फैसला होने से पहले जिला परिषद चुनाव कराना नहीं चाहती थी, इसलिए अध्यक्ष का कार्यकाल 3 महीने बढ़ा दिया गया। सरकार के इस निर्णय को हाईकोर्ट के नागपुर खंडपीठ में कांग्रेस ने चुनौती दी। सरकार की ओर से हाईकोर्ट में 3 महीने के भीतर रोस्टर जारी कर अध्यक्ष चुनाव कराने का हलफनामा दिया गया। उसके कुछ दिन बाद राज्य में सत्ता परिवर्तन हो गया। नई सरकार सत्ता में आई। सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के पक्ष में फैसला आने से जिप अध्यक्ष का रोस्टर जारी करने का रास्ता साफ हो गया।

 

Created On :   19 Sept 2022 3:22 PM IST

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