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लघु उद्योगों के लिए पैकेज घोषित करेगी सरकार, पंजीयन प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने स्वयंसेवी संस्थाओं को मंजूरी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना संकट के बीच लघु उद्योगों को बचाने के लिए महाराष्ट्र सरकार की ओर से बड़ा पैकेज दिया जाएगा। बुधवार को राज्य के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने यह जानकारी दी। देसाई ने यंगिस्तान फेसबुक ग्रुप की ओर से आयोजित बिजनेस टॉक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही। देसाई ने कहा कि लघु उद्योगों के लिए केंद्र सरकार पैकेज की घोषणा करने वाली है। इसके साथ ही राज्य सरकार भी लघु उद्योगों को पैकेज उपलब्ध कराएगी। देसाई ने कहा कि लघु उद्योगों को पैकेज देने के संबंध में केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री नितिन गडकरी और और केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से चर्चा हुई है। देसाई ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से दिए जाने वाले पैकेज पर सरकार का उद्योग विभाग काम कर रहा है। इसके अलावा लघु उद्योगों के बिजली के फिक्स चार्जेस को स्थगित किया गया है। इससे जितनी बिजली का इस्तेमाल होगा उतना ही बिल वसूला जाएगा। देसाई ने कहा कि लॉकडाउन में उद्योगों को दी गई थोड़ी शिथिलता से 15 हजार से ज्यादा उद्योग शुरू हो गए हैं। इससे तीन लाख कर्मचारी काम पर लौटे हैं। उद्योगों को कर्मचारियों के लिए मोटरसाइकिल से कंपनी में आने-जाने के लिए अनुमति दी गई है। देसाई ने कहा कि मुंबई में कोरोना का संकट अधिक है फिर भी निर्यात से जुड़े उद्योगों को अनुमति दी गई है। कृषि क्षेत्र को होने वाली मुश्किलों को टालने के लिए कृषि सामग्री बनाने वाली सभी कंपनियों को शुरू करने के लिए मंजूरी प्रदान की गई है।
पंजीयन प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने 280 स्वयंसेवी संस्थाओं को मंजूरी
प्रदेश सरकार ने बच्चों की देखभाल और सुरक्षा के लिए बालगृह संचालित करने वाली 280 स्वयंसेवी संस्थाओं को पंजीयन प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने के लिए मंजूरी देने का फैसला किया है। स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम बच्चों की देखभाल के लिए बालगृह चलाए जाते हैं। बुधवार को सरकार के महिला व बाल विकास विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया। इसके अनुसार बाल न्याय अधिनियम 2015 के अनुसार बालगृह चलाने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं को राज्य सरकार से पंजीयन प्रमाणपत्र लेना पड़ता है। इसके अनुसार बालगृह चलाने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं को सरकार ने पंजीयन प्रमाणपत्र देने के लिए मंजूरी दी है। अब हर स्वयंसेवी संस्था को पुणे स्थित महिला व बाल विकास आयुक्तालय के माध्यम से प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे। बालगृहों की संस्थाओं को दिया जाने वाला पंजीयन प्रमाणपत्र पांच सालों के लिए वैध रहेगा। सरकार ने कहा कि जिन अनुदानित संस्थाओं की रिपोर्ट में खामी पाई गई हैं और जांच में त्रुटी मिली है। ऐसी संस्थाओं को भी सरकार की जरूरत और जिले की आवश्यकता को देखते हुए मंजूरी दी गई है लेकिन इन संस्थाओं को त्रुटियों को दूर करने की रिपोर्ट महिला व बाल विकास आयुक्तालय में जमा कराए बिना अनुदान नहीं मिल सकेगा।
Created On :   6 May 2020 9:22 PM IST