सरकारी कर्मचारियों को कोरोना इलाज का खर्च उठाएगी सरकार, निजामों के समय के स्कूलों की दशा भी सुधारगी

Government will bear the expense of corona treatment to government employees
सरकारी कर्मचारियों को कोरोना इलाज का खर्च उठाएगी सरकार, निजामों के समय के स्कूलों की दशा भी सुधारगी
सरकारी कर्मचारियों को कोरोना इलाज का खर्च उठाएगी सरकार, निजामों के समय के स्कूलों की दशा भी सुधारगी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के मराठवाड़ा संभाग में साल 1960 के पहले के निजाम काल जिला परिषद के 1 हजार 45 स्कूलों पर 200 करोड़ रुपए खर्च करके लगभग 3 हजार 500 कक्षाओं का नया निर्माण किया जाएगा। बीते दिनों विधानमंडल के शीतकालीन अधिवेशन में पेश की गई अनुपूरक मांगों में संभाग के निजामकालिन स्कूलों का दर्जा सुधारने के लिए यह निधि मंजूर की गई है। राज्य की स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड ने इसके लिए प्रयास किया था। गुरुवार को स्कूली शिक्षा विभाग की तरफ से बताया गया कि मराठवाड़ा के औरंगाबाद के जिला परिषद के 130 स्कूल, बीड़ के 293 स्कूल, हिंगोली के 42 स्कूल, जालना के 203 स्कूल, लातूर के 94 स्कूल, नांदेड के 157 स्कूल, उस्मानाबाद के 51 स्कूल, परभणी के 75 समेत कुल मिलाकर 1 हजार 45 स्कूलों के लगभग 3 हजार 500 कक्षाओं का नव निर्माण होगा। खस्ताहाल जिला परिषद स्कूलों में निर्माण व मरम्मत काम किया जाएगा। जिला परिषद स्कूलों में आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। साथ ही शिक्षा का गुणवत्ता बढ़ाने के पाठ्यक्रमों में संशोधन और शिक्षकों के प्रशिक्षण पर जोर दिया जाएगा। 

सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों के कोरोना इलाज का खर्च वहन करेगी सरकार

सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को अब कोरोना बीमारी के इलाज का खर्च राज्य सरकार से मिलेगा। सरकार ने सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के चिकित्सा खर्च प्रतिपूर्ति में कोरोना बीमारी का समावेश करने का फैसला लिया है। सरकार का यह फैसला पूर्व प्रभाव 2 सितंबर 2020 से लागू माना जाएगा। गुरुवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने यह जानकारी दी। टोपे ने कहा कि सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों तथा उनके परिवार के सदस्यों को आकस्मिक और गंभीर बीमारियों के इलाज निजी अस्पतालों में कराने पर उन्हें चिकित्सा खर्च की प्रतिपूर्ति दी जाती है। राज्य सरकार के मार्च 2005 के शासनादेश के अनुसार सरकारी अधिकारियों- कर्मचारियों को 27 आकस्मिक और 5 गंभीर बीमारियों के इलाज का खर्च दिया जाता है। इसमें अब हृदय और फेफड़ों के रोग का समावेश है पर कोरोना बीमारी के इलाज के लिए चिकित्सा खर्च की प्रतिपूर्ति में स्पष्टता लाने के लिए इस बीमारी का समावेश किया गया है। कोरोनाकाल में 2 सितंबर से सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति बढ़ाई गई थी। इसलिए यह फैसला 2 सितंबर से लागू माना जाएगा। 

Created On :   17 Dec 2020 9:06 PM IST

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