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सरकार बांटेगी फोर्टिफाइड चावल, होगा एनिमिया नियंत्रित
डिजिटल डेस्क, भामरागढ़(गड़चिरोली)। नक्सलग्रस्त व आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिले में दिनों-दिन बढ़ रहे एनीमिया के मरीजों की संख्या में कमी लाने के लिए राज्य सरकार ने गत वर्ष टाटा ट्रस्ट के माध्यम से फोर्टिफाइड (पोषक तत्वों से युक्त) चावल निर्माण करने का निर्णय लिया था। भामरागढ़ तहसील के ग्रामीण अंचल के नागरिकों को इस चावल का वितरण आरंभ किया गया है।
भामरागड़ में है सर्वाधिक कुपोषित मरीज
बता दें कि, स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में भामरागढ़ तहसील में एनीमिया ग्रस्त मरीजों की संख्या अधिक पायी गयी थी। इस रिपोर्ट का गहन अध्ययन करते हुए सरकार ने तहसील में टाटा ट्रस्ट के माध्यम से फोर्टिफाइड चावल निर्माण करने का प्रकल्प आरंभ करने का निर्णय लिया। हालांकि यह प्रकल्प वर्तमान में प्रायोगिक तत्व पर आरंभ किया गया है, लेकिन आयुर्वेद में फोर्टिफाइड चावल को अनन्य साधारण महत्व है।
जिला आपूर्ति विभाग की ओर से शनिवार को तहसील के सभी राशन दुकान धारकों की विशेष बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में सभी दुकानों में यह चावल उपलब्ध कराया गया। सरकारी वितरण प्रणाली की तर्ज पर ही चावल लाभार्थियों तक पहुंचाने का निर्णय सभा में लिया गया है। दिनों दिन बढ़ रहे एनीमिया के मरीजों की संख्या को कम करने यह चावल काफी फायदेमंद होकर भविष्य में सरकार अपने लक्ष्य को जरूर पार करेगी, ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है।
विटामिन की कमी से होता है एनिमिया
रोजमर्रा के भोजन में विटामिन ए, बी-9, बी-12 की कमी से एनीमिया फैलता है। जिले में उगाए जाने वाला धान में लौह कम पाया गया है। इसी कारण एनीमिया के मरीजों में वृद्धि हो रही है। इसलिए देश की दो तिहाई आबादी को खाद्य सुरक्षा की गारंटी देने के बाद सरकार एक और बड़ा कदम उठाने की तैयारी की है। वर्ष 2022 तक कुपोषण मुक्त भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए सरकार ने ज्यादा आयरन (फोर्टिफाइड) वाले चावल उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इस चावल के उपयोग से कुपोषण जैसी गंभीर समस्या से भी निजात मिल सकेगा।
Created On :   7 Jan 2019 3:33 PM IST