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जंगल से बांस की कटाई के लिए सरकार बनाएगी नीति, मिलेगा 23 करोड़ का राजस्व
डिजिटल डेस्क, मुंबई। जंगल में बांस की कटाई की अनुमति देने के लिए राज्य सरकार जल्द ही नीतिगत फैसला लेगी। सोमवार को प्रदेश के वनमंत्री संजय राठोड ने यह जानकारी दी। राठोड ने कहा कि जगलों में कामगार सहकारी संस्था को विशिष्ट क्षेत्र में बांस की कटाई की अनुमति दी जाएगी। इस फैसले से आदिवासियों को रोजगार मिल सकेगा। साथ ही बांस आधारित उद्योगों को फायदा मिल पाएगा। राठोड ने कहा कि फिलहाल राज्य के जंगलों में इमारत की लकड़ी और जलाने के उपयोग में आने वाली लकड़ी की कटाई की अनुमति दी जाती है, लेकिन बांस की कटाई के लिए विशिष्ट क्षेत्र देने की पद्धति अभी नहीं है। इसलिए राज्य के जंगल कामगार सहकारी संस्थाओं को पेसा व सामूहिक वन अधिकार क्षेत्र के अलावा बांस की कटाई की अनुमति देने के लिए जल्द ही नीति बनाई जाएगी।
राठोड ने कहा कि राज्य में गडचिरोली, सिरोंचा, गोंदिया, वडसा, भामरागड, आलापल्ली क्षेत्र के 44 हजार 219 हेक्टेयर वन क्षेत्र में बांस उपलब्ध हैं, जबकि बांस की उत्पादन क्षमता 71 लाख 46 हजार 967 हेक्टेयर है। बांस बेचने के बाद सरकार को 23 करोड़ 59 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त हो सकेगा। राठोड ने बताया कि राज्य में नागपुर, चंद्रपुर, गडचिरोली, औरंगाबाद, यवतमाल और अमरावती वनक्षेत्र है। इन छहों वन क्षेत्रों में लगभग 200 जंगल कामगार सहकारी संस्था कार्यरत है। इन संस्थाओं के माध्यम से साल भर में 127 करोड़ 61 लाख रुपए का टर्नओवर हुआ है।
Created On :   25 May 2020 10:08 PM IST