पर्यटन विकास के लिए गैर सरकारी कार्यक्रमों को स्पांसरशिप देगी सरकार

Government will give sponsorship to non-government programs for tourism development
पर्यटन विकास के लिए गैर सरकारी कार्यक्रमों को स्पांसरशिप देगी सरकार
पर्यटन विकास के लिए गैर सरकारी कार्यक्रमों को स्पांसरशिप देगी सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और राज्य स्तर पर आयोजित गैरसरकारी कार्यक्रमों को स्पांसरशिप (प्रायोजक) देने के लिए नई नीति के प्रस्ताव को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इसके अनुसार राज्य में पर्यटन विकास के लिए सरकार स्पांसरशिप कर सकेगी। विभिन्न गैर सरकारी संस्था द्वारा आयोजित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय और राज्य स्तर की प्रदर्शनी, साहित्य, सिनेमा व नाटक क्षेत्र से जुड़े सम्मलेन, चर्चा सत्र, खेल प्रतियोगिता सहित विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए विशिष्ट शर्तों के साथ सरकार स्पांसरशिप देगी। इसके लिए 12 करोड़ रुपए वार्षिक खर्च को मंजूरी दी गई है। राज्य में पर्यटन क्षेत्र के विकास को गति देने के लिए पर्यटन नीति -2016 को मंजूरी दी गई है। इसके अनुसार विभिन्न उपाययोजना पर्यटन विभाग के माध्यम से किए जाते हैं।

चार महामंडलों को कर्ज के लिए 325 करोड़ रुपए की बैंक गांरटी देने का फैसला 
प्रदेश सरकार के सामाजिक न्याय विभाग के अधिकार क्षेत्र वाले चार महामंडलों को राष्ट्रीय महामंडल (एनएसएफडीसी) से कर्ज लेने के लिए 325 करोड़ रुपए की बैंक गांरटी देने के फैसले को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। महाराष्ट्र राज्य अपंग वित्त एवं विकास महामंडल को 70 करोड़, संत रोहिदास चर्मोद्योग व चर्मकार विकास महामंडल को 50 करोड़, साहित्यरत्न लोकशाहीर अण्णाभाऊ साठे विकास महामंडल को 70 करोड़ और महात्मा फुले पिछड़ा वर्ग विकास महामंडल को 135 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी सरकार देगी। इस फैसले से दिव्यांग, चर्मकार व्यावसायिक, वंचित और उपेक्षित समूहों को कर्ज के लिए निधि उपलब्ध हो सकेगी। कर्ज के लिए आवेदन करने वाले 19224 प्रस्तावों का निपटारा हो सकेगा। बैंक गारंटी का शुल्क दर प्रति सैकड़ा प्रति वर्ष दो रुपए के ऐवज में 50 पैसे करने की मंजूरी दी गई है। 

अण्णासाहेब पाटील आर्थिक विकास महामंडल की योजनाओं के लाभ के लिए नियमों शिथिल  

इसके अलावा अण्णासाहेब पाटील आर्थिक विकास महामंडल के तहत कर्ज के लिए लागू तीन योजनाओं का लाभ देने के लिए नियमों को शिथिल करने का फैसला किया है। मंगलवार को मंत्रालय में महामंडल के अध्यक्ष नरेंद्र पाटील ने यह जानकारी दी। पाटील ने बताया कि महामंडल की योजना के तहत व्यक्तिगत कर्ज के लिए पुरुष लाभार्थी की अधिकतम आयु 45 वर्ष से बढ़ाकर 50 साल कर दिया गया है। जबकि महिला लाभार्थी के लिए अधिकतम आयु 55 वर्ष होगी। पाटील ने कहा कि महामंडल की समूह कर्ज योजना के तहत  अब दो व्यक्तियों के समूह को 25 लाख, तीन व्यक्तियों के समूह को 35 लाख, चार व्यक्तियों के समूह को 45 लाख और 5 व्यक्तियों के समूह को 50 लाख रुपए तक कर्ज दिया जाएगा। अभी तक समूह कर्ज के लिए 50 लाख रुपए तक का कर्ज पाने के लिए 5 लोगों के समूह बनाना अनिवार्य था। पाटील ने कहा कि महामंडल की किसान उत्पादक कंपनी (एफपीओ) बनाकर कर्ज लेने की योजना का लाभ पाने के लिए एमपीओ के निदेशक और सदस्यों में से 60 प्रतिशत मराठा समाज का होना अनिवार्य होगा। एफपीओ के निदेशक को सभी सदस्यों की आय के संबंध में स्वयंघोषित पत्र देना होगा। पाटील ने कहा कि महामंडल की योजनाओं का लाभ लेने के लिए राष्ट्रीयकृत बैंकों के साथ-साथ सहकारी बैंकों के लिए क्रेडिट गांरटी स्कीम लागू करने निर्णय लिया गया है। इससे लाभार्थियों को सहकारी बैंकों से भी कर्ज मिल सकेगी। पाटील ने कहा कि 1 फरवरी से महामंडल की योजनाओं का लाभ लेने के लिए मराठा समाज के लोगों को जाति प्रमाणपत्र ऑनलाइन अपलोड करना पड़ेगा। 

तीनों योजनाओं की गति धीमी
पाटील ने स्वीकर किया है कि महामंडल की कर्ज देनी की तीनों योजनाओं का लाभ ज्यादा लोगों ने नहीं लिया है। उन्होंने बताया कि महामंडल की व्यक्तिगत कर्ज देने की योजना के तहत 1728 लोगों को 88 करोड़ रुपए का कर्ज बांटा गया है। जिसका हर महीने 66 लाख 87 हजार रुपए का ब्याज महामंडल के माध्यम से दिया जाता है। पाटील ने बताया कि समूह कर्ज योजना का लाभ केवल 3 लोगों को मिला है। वहीं किसान उत्पादक कंपनी (एफपीओ) बनाकर केवल 5 लोग ही 10-10 लाख रुपए का कर्ज ले पाए हैं। 
 

Created On :   1 Jan 2019 2:11 PM GMT

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