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कोरोना के चलते मां-पिता खोने वाले मेडिकल-इंजिनीयरिंग के छात्रों की फीस भरेगी सरकार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना संक्रमण के चलते जिन विद्यार्थियों ने अपने माता-पिता दोनों को गंवा दिया है मेडिकल, इंजिनीयरिंग समेत उनके सभी चालू कोर्स पूरा होने तक के फीस का भुगतान राज्य सरकार करेगी। उच्च व तकनीकी शिक्षामंत्री चंद्रकांत पाटील ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूछे गए सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। कांग्रेस के शिरीष चौधरी,सुलभा खोडके, नाना पटोले आदि ने स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे दोनों अभिभावक गंवाने वाले विद्यार्थियों के फीस के भुगतान से जुड़ा सवाल पूछा था। जवाब में मंत्री पाटील ने बताया जिन विद्यार्थियों के दोनों अभिभावकों की कोरोना संक्रमण के चलते मौत हो गई है उनके मौजूदा कोर्स की पूरी फीस राज्य सरकार चुकाएगी। फिलहाल राज्य सरकार ने स्नातक की पढ़ाई कर रहे ऐसे 931 जबकि स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे 228 विद्यार्थियों की फीस के तौर पर 2 करोड़ 76 लाख 84 हजार 222 रुपए अदा किए हैं।एक और सवाल के लिखित जवाब में मंत्री पाटील ने बताया कि उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग के कॉलेजों और तकनीकी शिक्षा कॉलेजों में जमा विद्यार्थियों के 26 करोड़ रुपए का डिपॉजिट वापस किया जाएगा। संबंधित कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को इसके निर्देश दे दिए गए हैं।
यवतमाल में दोपहर के भोजन में प्लास्टिक के चावल नहीं
यवतमाल जिले के महागांव तालुका में स्थित टेंभी गांव में सावित्रीबाई फुले कन्या विद्यालय और नवभारत प्राथमिक स्कूल में दोपहर के भोजन में प्लास्टिक के चावल मिलने की शिकायत सही नहीं है। प्रश्नकाल के दौरान पूछे गए सवाल के जवाब में अन्न व औषधि प्रशासन मंत्री संजय राठौड ने यह जानकारी दी। कांग्रेस के पृथ्वीराज चव्हाण,भाजपा के नामदेव ससाणे द्वारा पूछे सवाल के जवाब में मंत्री राठौड ने बताया कि केंद्र सरकार की योजना के तहत मिलिंग और पोलिसिंग प्रक्रिया के दौरान खत्म हुए नैसर्गिक विटामिन और मिनलर की कमी पूरी करने के लिए चावल में फोर्टीफाइड चावल मिलाया जाता है। इससे विद्यार्थियों को सू्क्ष्म पोषक तत्व मिलते हैं। एक किलो चावल में 10 ग्राम फोर्टीफाइड चावल मिलाया जाता है। लेकिन हल्का होने और पानी के ऊपर तैरने के चलते लोग इसे प्लास्टिक का चावल समझ लेते हैं। शुरूआत में इसे लेकर काफी अफवाह थी लेकिन अब शिक्षा अधिकारी, शिक्षा उपसंचालक के जरिए सभी स्कूलों और अभिभावकों की गलतफहमी दूर की जा रही है।
मुंबई-ठाणे में 674 अवैध स्कूल
मुंबई और ठाणे के मीरा भायंदर इलाके में जांच के दौरान 674 अवैध स्कूल पाए गए हैं। समाचार पत्रों के जरिए अभिभावकों से ऐसे स्कूलों में बच्चों का दाखिला न करने की अपील की गई है। इसके अलावा अवैध रुप से चल रहे स्कूलों से जुर्माना वसूलने की प्रक्रिया जारी है। विधानसभा में पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने यह जानकारी दी है। भाजपा के सुनील राणे,संजय केलकर, निर्दलीय विधायक गीता जैन आदि के सवाल के जवाब में मंत्री केसरकर ने बताया कि अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अवैध स्कूलों को बंद कराकर वहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों का दाखिला नजदीकी मान्यता प्राप्त स्कूलों में कराने की व्यवस्था करें।
बीड में जलापूर्ति करने वाली ट्रांसपोर्ट कंपनी पर लगे आरोपों की होगी जांच
बीड़ जिले में 2019 से 2020 के बीच टैंकर के जरिए पानी की आपूर्ति करने वाले वतन ट्रांसपोर्ट पर लगे आरोपों की एक महीने के भीतर विभागीय आयुक्त के जरिए जांच कराई जाएगी। अगर बिना काम भुगतान की शिकायत सही पाई गई तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जलआपूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री गुलाबराव पाटील ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूछे गए सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। राकांपा के संदीप क्षीरसागर के सवाल के जवाब में मंत्री पाटील ने बताया कि लॉगबुक में गलत जानकारी दर्ज करने, जीपीएस बंद रखने, टैंकर का जीपीएस मोटरसाइकल पर लगाकर घुमाने, फर्जी नंबर प्लेट लगाने जैसे आरोपों की भी जांच की जाएगी।
Created On :   22 Aug 2022 7:45 PM IST