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बाढ़ पीड़ितों के लिए 11,500 करोड़ खर्च करेगी सरकार, नागपुर-अकोला-नांदेड़ के प्रभावितों की भी मदद
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में अतिवृष्टि के कारण आई बाढ़ से हुए नुकसान के लिए तत्काल मदद, मरम्मत कार्य और दीर्घकालीन उपाय योजना के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने 11 हजार 500 करोड़ रुपए खर्च को मंजूरी दी है। इसमें आपदा प्रभावितों को मदद के लिए 1500 करोड़ रुपए, पुनर्निर्माण के लिए 3000 करोड़ रुपए, आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सौम्यीकरण उपाय योजना के लिए 7000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। मंगलवार को राज्य अतिथिगृह सह्याद्री में प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बाढ़ और भूस्खलन की समस्या पर स्थायी उपाय के लिए विशेषज्ञों और अधिकारियों की समिति गठित करके 3 महीने में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कोंकण के 26 नदियों की घाटी में बाढ़ की चेतावनी देने वाली आरटीडीएस प्रणाली 3 महीने में स्थापित करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावितों की बढ़ी हुई दर से मदद कर उनका आंसू पोंछने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ साल में महाराष्ट्र में अलग-अलग तरह की प्राकृतिक आपदा आई है। कोविड संकट होने के बावजूद राज्य सरकार आपदा प्रभावितों की मदद कर रही है।
बैंक खाते में जमा होगी रकम
जबकि प्रदेश के आपदा प्रबंधन, मदद व पुनर्वसन मंत्री विजय वड्डेटीवार ने कहा कि बाढ़ की आपदा से निपटने के लिए 11 हजार 500 करोड़ रुपए के पैकेज को मंजूरी दी गई है। आपदा प्रभावितों को नकदी देने की बजाय उनके बैंक खाते में ऑनलाइन पैसे जमा कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में हुए नुकसान का पंचनामा पूरा होने के बाद मदद राशि और बढ़ेगी। राज्य सरकार मदद के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भी भेजेगी। वड्डेटीवार ने बताया कि आपदा प्रभावितों के पैकेज में कोंकण, पश्चिम महाराष्ट्र के अलावा नागपुर, अकोला, नांदेड़ और परभणी सहित अन्य जिलों का समावेश है।
आपदा प्रभावितों को ऐसे मिलेगी मदद
वड्डेटीवार ने बताया कि आपदा प्रभावितों को अनुग्रह अनुदान के लिए राज्य आपदा मोचन कोष (एसडीआरएफ) के मापदंड़ के अनुसार प्रति परिवार 5 हजार रुपए देने का प्रावधान है। लेकिन सरकार ने आपदा प्रभावितों के लिए अनुग्रह अनुदान को बढ़ाकर प्रति परिवार 10 हजार रुपए देने का फैसला किया है। आपदा से प्रभावित दुकानदारों के लिए 50 हजार रुपए और खोमचे वालों को 10 हजार रुपए की मदद दी जाएगी। आपदा में पूरे ढहे हुए घरों के लिए 1 लाख 50 हजार रुपए, 50 प्रतिशत तक क्षतिग्रस्त हुए घरों के लिए 50 हजार रुपए, 25 प्रतिशत तक क्षतिग्रस्त हुए घरों के लिए 25 हजार और आंशिक रूप से नुकसान हुए घरों के लिए न्यूनतम 15 हजार रुपए दिए जाएंगे। पोल्ट्री शेड के नुकसान के लिए 5 हजार रुपए की मदद दी जाएगी। वड्डेटीवार ने बताया कि बाढ़ आपदा में 4 हजार 500 पशु और पक्षियों की मौत हुई है। इसके लिए 7 करोड़ रुपए की मदद की जाएगी। हस्तकला कारीगरों को पंचनामा के आधार पर प्रत्यक्ष नुकसान का 75 प्रतिशत राशि अथवा अधिकतम 50,000 रुपए की मदद की जाएगी। इसमें बारा बलुतेदारों और मूर्तिकारों आदि का समावेश होगा। वड्डेटीवार ने बताया कि भूस्खलन की संभावना वाले पहाड़ों के ढलान पर बसे गांवों के लोगों का म्हाडा के जरिए पुनर्वसन किया जाएगा। इसके अलावा ग्रामीण और शहरी इलाकों के सड़क, नाला, स्कूलों और अन्य नुकसान के लिए मत्स्य व्यवसाय विभाग, नगर विकास विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, नगर विकास विभाग को मदद देने का फैसला किया गया है।
4 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की खेती को नुकसान
वड्डेटीवार ने बताया कि अब तक पूरा हुए 80 प्रतिशत पंचनामा के अनुसार अतिवृष्टि और बाढ़ से राज्य में 4 लाख हेक्येटर क्षेत्र की खेती को नुकसान पहुंचा है। वड्डेटीवार ने कहा कि खेती और कृषि जमीन को हुए नुकसान के लिए अलग से मदद की जाएगी।
मृतक के परिजनों को 9 लाख रुपए तक की मदद
वड्डेटीवार ने बताया कि बाढ़ और भूस्खलन आपदा में मृत हुए लोगों के परिजनों को अलग-अलग मद से 9 लाख रुपए तक की मदद दी जाएगी। इसमें एसडीआरएफ से 4 लाख रुपए, मुख्यमंत्री सहायता निधि से 1 लाख रुपए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से घोषित 2 लाख रुपए, गोपीनाथ मुंडे किसान दुर्घटना बीमा योजना के तहत 2 लाख रुपए शामिल है।
Created On :   3 Aug 2021 7:59 PM IST