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राज्यपाल ने कहा - मैं शिवाजी महाराज के अपमान के बारे में सपने में भी नहीं सोच सकता
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर कहा है कि मैं छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे महान विभूति के अपमान के बारे में सपने में भी नहीं सोच सकता हूं। राज्यपाल ने शाह से वर्तमान परिस्थिति के संबंध में मार्गदर्शन भी मांगा है। हालांकि इस पत्र के बाद भी महाविकास आघाड़ी राज्यपाल को हटाए जाने की मांग पर कायम है। विपक्ष ने कहा कि राज्यपाल ने अपने बयान पर माफी नहीं मांगी है, केवल स्पष्टीकरण दिया है। बीते 19 नवंबर को औरंगाबाद के एक कार्यक्रम में राज्यपाल ने शिवाजी महाराज को पुराने जमाने का आदर्श बताया था। उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी को नए जमाने का आदर्श कहा था। इसके बाद से ही राज्यपाल लगातार विपक्ष और शिवाजी महाराज के अनुयायियों के निशाने पर हैं। इसके मद्देनजर राज्यपाल ने गत 6 दिसंबर को शाह को पत्र लिखकर अपना पक्ष रखा है। हालांकि यह पत्र सोमवार को मीडिया के सामने आया है। जिसमें राज्यपाल ने कहा कि कुछ लोग शिवाजी महाराज पर दिए गए मेरे बयान के एक छोटे से अंश को संपूर्ण संदर्भ से अलग करके पेश कर रहे हैं। जो आलोचना का विषय बन गया है। राज्यपाल ने कहा कि मैंने छात्रों को बताया था कि जब हम पढ़ते थे तो कुछ विद्यार्थी महात्मा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री जवाहलाल नेहरू, नेताजी सुभाष चंद्र बोस आदि को अपना आदर्श मानकर उत्तर देते थे। स्वाभाविक है कि युवा वर्तमान पीढ़ी के कर्तव्यशील व्यक्तियों का उदाहरण चाहता है। इसीलिए मैंने महाराष्ट्र के संदर्भ में कहा था कि वर्तमान दौर में युवाओं के लिए डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर से लेकर केंद्रीय मंत्री गडकरी अच्छे उदाहरण हो सकते हैं। राज्यपाल ने कहा कि आज के समय में यदि कोई युवक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आदर्श मानता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह पूर्व के महापुरुषों का अपमान करता है। मैंने शिवाजी महाराज की किसी से तुलना नहीं की थी। राज्यपाल ने कहा कि शिवाजी महाराज न केवल महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश के गौरव हैं। मैंने इस उम्र में भी कोविड काल के दौरान शिवनेरी, सिंहगड, रायगड, प्रतापगड़ जैसे पवित्र स्थलों पर पैदल जाकर दर्शन लाभ लिया। मैं शिवाजी महाराज को जन्म देने वाली माता जिजाऊ के जन्मस्थल सिंदखेड राजा का दर्शन किया। सिंदखेड राजा का दर्शन करने वाला संभवतः पिछले 30 सालों में मैं पहला राज्यपाल हूं। राज्यपाल ने शाह से कहा कि आप स्वंय जानते हैं कि मैंने साल 2016 में कह दिया था कि मैं साल 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ूंगा और राजनीतिक पद भी नहीं लूंगा। परंतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आपके स्नेह व विश्वास में मेरे जैसे छोटे कार्यकर्ता ने महान प्रदेश महाराष्ट्र का राज्यपाल पद स्वीकारा है। आप जानते हैं कि यदि मेरे से अनयास कहीं भूल होती है तो मैं तत्काल खेद जातने और माफी मांगने में संकोच नहीं करता हूं।
राज्यपाल ने माफी नहीं मांगी है- दानवे
विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि राज्यपाल ने महाराष्ट्र की जनता से माफी नहीं मांगी है। उन्होंने शाह को पत्र लिखकर स्पष्टीकरण दिया है। ऐसा करके उन्होंने महाराष्ट्र को कम आंकने की कोशिश की है। हम राज्यपाल को हटाए जाने तक चुप नहीं बैठेंगे।
राज्यपाल ने पत्र लिखकर हताशा दिखाई- तपासे
प्रदेश राकांपा के मुख्य प्रवक्ता महेश तपासे ने कहा कि महाराष्ट्र को मार्गदर्शन करने की जिम्मेदारी राज्यपाल की है। मगर राज्यपाल खुद केंद्रीय गृह मंत्री से मार्गदर्शन मांग रहे हैं। इससे उनकी हताशा समझ में आती है।
भाजपा के खाने और दिखाने के दांत अलग-अलग- पटोले
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि शिवाजी महाराज का अपमान करने वाले राज्यपाल रविवार को नागपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बगल में गरिमा के साथ खड़े नजर आए। इससे साफ पता चलता है कि भाजपा के नेताओं को खाने और दिखाने के दांत अलग-अलग हैं। पटोले ने कहा कि भाजपा के कई नेता लगातार महापुरुषों का अपमान कर रहे हैं लेकिन किसी नेता ने शिष्टाचार के नाते भी माफी नहीं मांगी है।
Created On :   12 Dec 2022 8:43 PM IST