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राज्यपाल ने कहा - अब सूक्ष्म सिंचाई को प्रोत्साहन देने की जरूरत
डिजिटल डेस्क, पुणे। राज्यपाल के. विद्यासागर राव ने गुरूवार को कहा कि अनियमित बारिश और बदलते मौसम की मार से बचने के लिए जलस्त्रोतों का सुयोग्य प्रबंधन जरूरी है। जल पुनर्भरण के उपक्रमों को प्राथमिकता देने के साथ ही सूक्ष्म सिंचाई को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है। इस मौके पर शिव छत्रपति क्रीड़ा संकुल महालुंगे-बालेवाड़ी में कृषि एवं फलोत्पादन विभाग ने इसमें उल्लेखनीय कार्य करनेवाले 112 किसान और अधिकारियों को सम्मानित किया। राज्यपाल के हाथों उनका सम्मान हुआ। राज्यपाल ने कहा कि अनियमित बारिश और बदलते मौसम के होने वाली परेशानियों से बचना है तो सही तरीके से प्रबंधन किया जाना चाहिए। जल पुनर्भरण पर विशेष जोर दिया जाए। हर एक क्षेत्र को पानी देकर "per drop, more crop" का उद्देश्य सार्थक किया जा सकता है। राज्य के कृषि विश्वविद्यालयों में उत्कृष्ट अनुसंधान तथा नवकल्पनाएं तैयार हो रही हैं। विश्वविद्यालय का ज्ञान किसानों के खेत तक पहुंचाया गया तो बड़ा फायदा होगा। समारोह में कृषि एवं फलोत्पादन, राजस्व, मदद और पुनर्वास मंत्री चंद्रकांत पाटील, जिले के अभिभावक मंत्री गिरीष बापट, सामाजिक न्याय राज्यमंत्री दिलीप कांबले, कृषि राज्यमंत्री सदाभाऊ खोत, कृषि एवं फलोत्पादन विभाग के सचिव एकनाथ डवले, कृषि विभाग के आयुक्त सुहास दिवसे, विभागीय आयुक्त डॉ. दिपक म्हैसेकर उपस्थित थे।
कम होने लगा जल स्तर
पानी का उपयोग हर घर, कृषि और व्यापार के क्षेत्र में होता है। ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में भी बोरवेल स्थापित हो रहे हैं, जिससे मिट्टी के नीचे जल स्तर कम होने लगा है। पानी को संरक्षित यानी कि जल संरक्षण के विषय में सोचना जरूरी है, क्योंकि जल ही जीवन है। वर्षा जल को संरक्षित करना सबसे आसान और बेहतरीन तरीका माना जाता है। वर्षा के जल को आसानी से संरक्षित कर रख सकते हैं।
Created On :   14 Feb 2019 10:09 PM IST