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राज्यपाल का अपमान राष्ट्रपति शासन को आमंत्रण
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और विधायक चंद्रकांत पाटिल ने सोमवार को दावा किया कि राज्य की आघाडी सरकार विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव को लेकर जिस तरह राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का अपमान कर रही है, यह राज्य में राष्ट्रपति शासन को आमंत्रित कर सकता है। विधानमंडल के शीतकालिन सत्र के दौरान विधान भवन परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए पाटिल ने आरोप लगाया कि शिवसेना के नेतृत्व वाली आघाडी सरकार ने विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के लिए नियमों को बदल दिया है। इस साल फरवरी से खाली पड़े अध्यक्ष पद के लिए प्रस्तावित चुनाव, राजभवन और तीन-दलों की गठबंधन सरकार के बीच विवाद का नया कारण बन सकता है। आघाडी सरकार के कामकाज पर टिप्पणी करते हुए पुणे से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि ठाकरे सरकार ने महाराष्ट्र विधानसभा के नए अध्यक्ष का चुनाव कराने के लिए सबसे पहले नियमों में बदलाव किया। फिर कहा कि उसने राज्यपाल को नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए उनकी मंजूरी के वास्ते दो पत्र भेजे थे। यह कहना राज्यपाल और संविधान का भी अपमान है। इससे राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है। उन्होंने कहा-हर कोई स्थानीय निकाय इकाई के चुनाव के लिए कह रहा है। परीक्षा के पर्चे लीक हो रहे हैं और एसटी के कर्मचारी करीब दो महीने से हड़ताल पर हैं। स्कूलों को फिर से खोले जाने को लेकर किसी प्रकार का समय अब तक कोई स्पष्ट दिशानिर्देश नहीं है, इस सरकार के अराजक कामकाज पर कोई भी पीएचडी कर सकता है।”
पहले भी कर चुके हैं ऐसी बयानबाजीः पवार
पाटील के बयान पर सरकार में शामिल राकांपा के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार के पास विधानसभा में स्पष्ट बहुमत है और राज्य के लोग इस तरह के बयानों पर ध्यान नहीं देते हैं। पवार ने सतारा में कहा कि वह पूर्व मंत्री को ‘‘शुभकामनाएं’’ देते हैं। पाटिल पर कटाक्ष करते हुए राकांपा नेता ने कहा कि चूंकि पिछले दो साल से स्थिर सरकार है, इसलिए कुछ लोग नाराज हैं और इस तरह के बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह के बयान पहले भी दिए गए थे। हालांकि, राज्य के आम लोग उनका संज्ञान नहीं लेते हैं। मैं इस पर कोई अतिरिक्त टिप्पणी नहीं करना चाहता।
Created On :   27 Dec 2021 8:43 PM IST