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नि:शुल्क आयुर्वेदिक चिकित्सा शिविर का भव्य आयोजन
डिजिटल डेस्क पन्ना। धन्वन्तरि पीठआयुषग्राम ट्रस्ट चित्रकूट के संस्थापक आचार्य डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी के कुशल मार्गदर्शन एवं निर्देशन में सारंगधाम सुतीक्षण आश्रम अहिरगवां में लंबे समय तक सरपंच रहे। प्रसिद्ध समाजसेवी स्वर्गीय लक्ष्मीनारायण शुक्ल की स्मृति में एक दिवसीय नि:शुल्क आयुर्वेदिक चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का शुभारंभ आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि के पूजन के साथ प्रात: 9 बजे आरंभ हुआ। ओमिक्रोन के मामलों के कारण राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुये शिविर में किडनी, हार्ट, श्वास, ब्लडप्रेशर, उदर रोग, शुगर, मोटापा, बच्चों एवं महिलाओं से संबन्धित रोगों के लगभग 300 से अधिक स्त्री-पुरुष बाल रोगियों का उपचार किया गया। कार्यक्रम का समापन सायं 4 बजे हुआ। शिविर आरंभ होने के पूर्व आचार्य डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी द्वारा रुद्राभिषेक किया गया। आए हुये रोगियों एवं उनके परिजनों को संबोधित करते हुये कहा कि रोगों का संबंध हमारे विकृत खान-पान एवं जीवन शैली से होता है। यदि हम आयुर्वेदिक सिद्धांतों के अनुसार ऋतुओं के अनुकूल खानपान एवं आध्यात्मिक जीवन शैली बनाए रखते हैं तो हमारे रोगग्रस्त होने की संभावना बहुत कम हो जाती है। उन्होने आगे कहा कि आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूट के निवासी इस बात के प्रत्यक्ष प्रमाण हैं कि पिछले तीन वर्षों से जिस महामारी से पूरी दुनिया त्रस्त है और लाखों लोग काल के शिकार हो गए। आयुषग्राम के निवासियों की आयुर्वेदिक एवं आध्यात्मिक जीवन शैली के कारण उन पर कोई प्रभाव नहीं पडा। आध्यात्मिक जीवनशैली के महत्व पर डॉ वाजपेयी ने कहा कि चूंकि रोग की उत्पत्ति सबसे पहले मन में होती है। उसके बाद उसके लक्षण क्रमश: संवेग एवं शरीर पर प्रकट होते हैं। इसलिए जब मन स्वस्थ होता है तब मन में कोई रोग प्रवेश ही नहीं कर पाता। मन को स्वस्थ रखने का सर्वोत्तम उपाय आध्यात्मिक जीवन शैली है। शिविर के आयोजक एवं स्वर्गीय लक्ष्मीनारायण शुक्ल के सुपुत्र श्याम प्रकाश शुक्ल ने आयुर्वेदिक एवं आध्यात्मिक जीवन शैली के संबंध में अपना स्वयं का अनुभव बताते हुये कहा कि 2-3 वर्ष पूर्व उनको भीषण हार्ट अटैक हुआ था और डॉक्टर फौरन बाईपास सर्जरी की सलाह दे रहे थे लेकिन आचार्य डॉ. वाजपेयी की सलाह पर मैंने आपरेशन कराने के बजाय आयुर्वेदिक जीवन शैली को अपनाते हुये अपना आयुर्वेदिक इलाज कराया। जिससे आज मैं स्वयं को पहले से भी अधिक स्वस्थ एवं युवा महसूस करता हूँ। शिविर में आचार्य डॉ. वाजपेयी के अतिरिक्त डॉ. अर्चना वाजपेयी एवं आयुषग्राम ट्रस्ट चित्रकूट के फार्मसिस्टों एवं परिचारिकाओं की टीम ने उत्साहपूर्वक सेवाएँ दीं तथा शिविर का प्रबंधन आलोक पाल, कार्याधिकारी, आयुषग्राम ट्रस्ट ने किया।
Created On :   19 Jan 2022 10:48 AM IST