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सुबह 7 बजे 11 बजे तक ही खुल सकेंगी किराना की दुकानें, सख्ती बढ़ेगी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना महामारी की चेन को तोड़ने के लिए राज्य सरकार अब और सख्ती बरतेगी। राज्य में किराना की दुकानों को केवल सुबह 7 से 11 बजे तक खोला रखा जा सकेगा। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने यह जानकारी दी। सोमवार को मंत्रालय में उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में कोरोना को लेकर बैठक हुई। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में टोपे ने कहा कि किराना की दुकानों में खरीदारी के नाम पर दिन भर लोगों का घर से बाहर निकलना उचित नहीं है। इसलिए उपमुख्यमंत्री ने किराना दुकानों को चार घंटे शुरू रखने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए ब्रेक द चेन के आदेश में संशोधन किया जाएगा। इसके बाद यह फैसला लागू होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए 30 अप्रैल तक पाबंदियां और सख्त की जाएगी। टोपे ने कहा कि पुणे के कुछ अस्पताल में कोरोना के मरीजों के उपचार करने वाले डॉक्टर सप्ताह में चार दिन काम करते थे जबकि तीन दिन छुट्टी लेते थे लेकिन अब सभी डॉक्टरों को छह दिन लगातार काम करना पड़ेगा।
हवा से ऑक्सीजन होगा तैयार
टोपे ने कहा कि हवा सेऑक्सीजन जनरेशनकी दो तकनीक है। हर जिले में इन दोनों तकनीकसे ऑक्सीजनतैयार किया जाएगा। जिलाधिकारी को ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट के लिए बिना टेंडर ठेका देने का अधिकार होगा। टोपे ने कहा कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन खरीदी के लिए जिलाधिकारी और मनपा आयुक्त को फैसला लेना होगा। टोपे ने कहा कि राज्य में फिलहाल 1250 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है। इसके अलावा 300 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दूसरे राज्यों से आएगा। केंद्र सरकार के कोटे के अनुसार महाराष्ट्र को 1800 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिल सकता है। लेकिन यदि कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ती गई तो ऑक्सीजन की कमी हो सकती है। उन्होंने कहा कि उद्योगों के पास मौजूद ऑक्सीजन सिलेंडर निजी अस्पतालों को उपलब्ध कराया जाना चाहिए। टोपे ने कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन के उत्पादन के लिए कोई फार्मास्यूटिकल कंपनी तैयार होगी तो उसको लाइसेंस दिया जाएगा। लेकिन फार्मास्यूटिकल को मान्यता प्राप्त कंपनियों के नाम पर उत्पादन करना पड़ेगा।
पालक सचिवों को होना पड़ेगा सक्रिय
टोपे ने कहा कि राज्य के छोटे और सुदूर इलाकों वाले जिलों के जिलाधिकारियों का नियमित मंत्रालय से संपर्क नहीं हो पाता है। ऐसे जिलों में पालक सचिवों को ज्यादा सक्रिय होकर काम करना पड़ेगा। पालक सचिवों को कोरोना की स्थिति पर निगरानी रखनी होगी।
शिवभोजन केंद्रों को शुरू करने की अनुमति अब यह देंगे
प्रदेश में अब शिवभोजन केंद्रों को शुरू करने की अनुमति संबंधित उपनियंत्रक अनाज वितरण, जिला आपूर्ति अधिकारी और खाद्य वितरण अधिकारी देंगे। सोमवार को खाद्य, नागरिक आपूर्ति व ग्राहक संरक्षण विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। इसके अनुसार शिवभोजन केंद्रों के मंजूरी के प्रस्ताव के बारे में राज्य सरकार के स्तर पर फैसला लिया जाएगा। फिर शिवभोजन केंद्र मंजूरी के मापंदडों को पूरा कर रहे हैं कि यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी संबंधित उपनियंत्रक अनाज वितरण, जिला आपूर्ति अधिकारी और खाद्य वितरण अधिकारी की होगी। इसके बाद संबंधित उपनियंत्रक अनाज वितरण, जिला आपूर्ति अधिकारी और खाद्य वितरण अधिकारी शिवभोजन केंद्र को शुरू करने का अनुमति दे सकेंगे। अभी तक शिवभोजन केंद्र को शुरू करने की अनुमति देने का अधिकार जिलाधिकारी, मनपा आयुक्त, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, तहसीलदार और गट विकास अधिकारी और मुख्याधिकारी पर थी लेकिन कोरोना की लड़ाई की जिम्मेदारी इन अधिकारियों पर है। इसलिए सरकार ने खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को यह जिम्मेदारी दी है।
Created On :   19 April 2021 9:26 PM IST