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पालकमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा - दस हजार आदिवासियों को मिलेगा रोजगार
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। सुरजागढ़ समेत जिले की 25 माइनिंग के खिलाफ ग्रामसभाओं और आदिवासियों द्वारा किए गए आंदोलन के संदर्भ में राज्य के नगर विकास मंत्री व जिले के पालकमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को कहा कि इस मामले में किसी तरह से भी आदिवासियों पर अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। सुरजागढ़ लौह पहाड़ी में उत्खनन कर चामोर्शी तहसील के कोनसरी में विशाल कारखाना प्रस्तावित है। इस प्रकल्प से करीब 10 हजार से अधिक आदिवासियों को रोजगार मिलेगा। शनिवार को गड़चिरोली जिले के एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे पालकमंत्री शिंदे ने पत्रकारों से हुई बातचीत में बताया कि, किसी भी प्रकार के उद्योग से विकास के द्वार खुलते हैं। सुरजागढ़ लौह पहाड़ी में उत्खनन कर चामोर्शी तहसील के कोनसरी में विशाल कारखाना प्रस्तावित है। इस कारखाने के माध्यम से यहीं के स्थानीय आदिवासियों को रोजगार मिलेगा। इस प्रकल्प से करीब 10 हजार से अधिक आदिवासियों को रोजगार मिलेगा। माइनिंग के चलते ग्रामसभाओं के अधिकारों का यहा हनन नहीं हो रहा है, और न ही किसी आदिवासी पर विस्थापित होने की नौबत आएगी। इस समय उनके साथ जिलाधिकारी संजय मीणा, पुलिस उपमहानिरीक्षक संदीप पाटील, पुलिस अधीक्षक अंकित गोयल आदि उपस्थित थे। चपराला अभयारण्य के बाद पालकमंत्री शिंदे भामरागढ़ तहसील के धोड़राज पुलिस थाने पहुंचे। यहां पर कार्यरत पुलिस जवानांे के साथ उन्होंने दिवाली मनायी। उन्होंने कहा कि, नक्सलियों से दो हाथ कर रहे विभाग के जवान अपना परिवार और दिवाली जैसा त्योहार छोड़कर यहां डटे हुए हैं। इस समय जवानों का मनोबल बढ़ाते हुए पालकमंत्री शिंदे ने जवानों को मिठाई का उपहार भी वितरित किया।
चपराला अभयारण्य हो सकता है हाथियों के विचरण के लिए विकल्प
ओड़िसा राज्य से गड़चिरोली दाखिल हुए जंगली हाथियों के झुंड ने कुछ दिनों तक धानोरा तहसील के गांवों में उत्पात मचाया। इन हाथियों के विचरण के लिए जिले का चपराला अभयारण्य एक वैकल्पिक साधन हो सकता है। उक्त विचार पालकमंत्री शिंदे ने व्यक्त किए। अपने दौरे में उन्होंने शनिवार को चपराला अभयारण्य को भेंट दी। इस दौरान गड़चिरोली के उपवनसंरक्षक कुमारस्वामी ने पॉवर-प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से चपराला अभयारण्य की जानकारी उन्हें दी। इस समय मुख्य वनसंरक्षक डा. मानकर उपस्थित थे।
कई बार मिली धमकियां, ऐसी धमकियों से नहीं डरता
ठाणे स्थित निवासस्थान में नक्सलियों का धमकीभरा पत्र मिलने को लेकर पालकमंत्री शिंदे ने कहा कि, इस तरह की धमकियां उन्हें कई बार मिली हैं। वे ऐसी धमकियों से नहीं डरते। उनका लक्ष्य केवल विकास है। आदिवासी बहुल और अतिपिछड़े गड़चिरोली जिले का विकास कर वे ऐसी धमकियों को जवाब देंगे। बता दें कि, दस दिन पूर्व पालकमंत्री एकनाथ शिंदे के ठाणे स्थित निवासस्थान में भामरागढ़ एरिया कमेटी के नक्सलियों ने पत्र भेजकर उन्हें धमकी दी थी, जिसके बाद ठाणे व गड़चिरोली की जांच एजेंसिया चौकसी में जुट गयी हैं। इस बीच धमकीभरा पत्र मिलने के बाद शनिवार को पालकमंत्री शिंदे गड़चिरोली पहुंचे। इस दौरे में उन्होंने भामरागढ़ तहसील के नक्सलग्रस्त धोड़राज पुिलस मदद केंद्र पहुंचकर जवानों के साथ दिवाली भी मनायी। गड़चिरोली लौटकर पत्रकारों से हुई बातचीत में उन्होंने इस तरह की धमकियों से उन्हें किसी तरह का फर्क नहीं पड़ने की जानकारी दी। वे वर्तमान में गड़चिरोली के विकास पर अपना ध्यान केंद्रीत किए हुए हैं।
Created On :   31 Oct 2021 5:30 PM IST