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विश्व मजदूर दिवस पर अतिथि शिक्षकों को किया गया बेरोजगार
डिजिटल डेस्क, पन्ना। ऑल एमपी गेस्ट टीचर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष राजेंद्र कुमार नामदेव ने कहा कि आज विश्व मजदूर दिवस के पर मध्य प्रदेश शासन के द्वारा एक साथ 47591 अतिथि शिक्षकों को बेरोजगार कर दिया गया है और यह खेल आज 15 वर्षों से अतिथि शिक्षकों के साथ में खेला जा रहा है।
श्री नामदेव ने बताया है कि मध्य प्रदेश शासन के द्वारा आज विश्व मजदूर दिवस पर प्रदेश के सम्मानित पदों पर कार्य करने वाले शिक्षकों को आज श्रमिकों से भी खराब हालात में लाकर खडा कर दिया है। हाल ही में 29 अप्रैल को हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी विद्यालय के परीक्षा परिणाम आए हैं जिनमें अतिथि शिक्षकों की बहुत बड़ी भूमिका रही है उनके द्वारा अति अल्प मानदेय पर शैक्षणिक एवं अकादमिक कार्य किए जाते हैं इसके बावजूद भी आज उनका भविष्य अंधकारमय हैं। अभी हाल में जिला कलेक्टर के द्वारा न्यूनतम वेतन अधिनियम में निहित प्रावधान के तहत जिले में कार्य करने वाले शासकीय वेतनभोगी कर्मचारियों और श्रमिकों की नवीन दरें निर्धारित की गई हैं। जिसमें उल्लेख किया गया है की आकुशल कर्मचारियों के लिए 9125 रुपए मासिक एवं अर्धकुशल कर्मचारियों के लिए 9982 रुपए एवं कुशल कर्मचारियों के लिए 11000 रुपए मासिक वेतन एवं उच्च कुशल कर्मचारियों के लिए 12660 रुपए मासिक वेतन निर्धारित किया गया है साथ में महंगाई भत्ता भी शामिल किया गया है।
शैक्षणिक संस्थानों जैसे अति महत्वपूर्ण व सम्मानित पदों पर कार्य करने वाले उच्च माध्यमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक एवं प्राइमरी शिक्षक के पदों पर दैनिक वेतन पर कार्य करने वाले अतिथि शिक्षकों की स्थिति इन से भी बदतर है। वर्तमान में जो अतिथि शिक्षकों का अधिकतम मानदेय है वह है उच्च माध्यमिक शिक्षक का 360 रुपए प्रतिदिन यानी 9000 रुपए मासिक, माध्यमिक शिक्षक का 300 रुपए प्रतिदिन यानी 7000 रुपए मासिक और प्राथमिक शिक्षक को 150 रुपए प्रतिदिन यानि 5000 मासिक वेतन मिल रहा है। यह भुगतान सिर्फ कार्य दिवस पर ही दिया जाता है अवकाश रहने पर उन्हें इस न्यूनतम वेतन पाने का भी कोई हक नहीं है।
जबकि अतिथि शिक्षक स्थाई शिक्षकों की तरह अपना पूरा समय विद्यालय के समस्त कार्यों में देते हैं प्रात:10:30 बजे से शाम ०5 बजे तक शैक्षणिक कार्य के साथ-साथ समस्त गतिविधियों में भी अपना सहयोग करते हैं। बावजूद इसके वह आज 15 वर्षों से अपने भविष्य को लेकर के चिंतित है। श्री नामदेव ने प्रदेश के शिक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री से मांग की है कि अतिथि शिक्षकों के स्थाई भविष्य को लेकर के कोई ठोस और स्थाई नीति बनाई जाए जिससे शैक्षणिक संस्थानों में कार्य करने वाले अतिथि शिक्षक अपने को भयमुक्त महसूस कर सकें और अपनी पूरी ऊर्जा के साथ बच्चों के उज्जवल भविष्य को संभाल सकें।
Created On :   2 May 2022 4:27 PM IST