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साईबाबा के वकीलों को भी सौंपें डिजिटल दस्तावेजों की प्रति
डिजिटल डेस्क, नागपुर. नक्सलवाद समर्थन के आरोपी प्रोफेसर जी.एन.साईबाबा व अन्य की अपील पर सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में सुनवाई हुई। साईबाबा के वकीलों ने कोर्ट को बताया कि, उन्हें अब तक याचिकाकर्ताओं के खिलाफ जांच एजेंसी द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों की प्रति नहीं दी गई है। जिसके बाद हाईकोर्ट ने रजिस्ट्री को डिजिटल दस्तावेजों की प्रति आरोपी के वकीलों को सौंपने का आदेश दिया। दरअसल, बीती सुनवाई में हाईकोर्ट ने निचली अदालत में प्रस्तुत सभी डिजिटल सबूत हाईकोर्ट को भेजेने का आदेश िदया था। हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार हाईकोर्ट रजिस्ट्री में सरकार ने सभी दस्तावेज प्रस्तुत किए थे। जिसकी प्रति एनआईए को सौंपी दी गई, लेकिन आरोपियों के वकीलों को नहीं सौंपी गई थी। वकीलों द्वारा यह बात हाईकोर्ट के संज्ञान मंे लाने के बाद यह आदेश जारी किया गया है। गौरतलब है कि गड़चिरोली पुलिस ने दिल्ली के जेएनयू विश्वविद्यालय के विद्यार्थी हेम मिश्रा को अगस्त 2013 में महेश तिरकी और पांडू नरोटे के साथ अहेरी से गिरफ्तार किया था। हेम मिश्रा से पूछताछ के बाद पुलिस ने सितंबर 2013 में प्रशांत राही काे भी गिरफ्तार किया। नक्सली नेता गणपति व नर्मदा अक्का और प्रो. साईबाबा के बीच मध्यस्थता करने का दावा पुलिस की ओर से किया गया। 23 दिसंबर 2015 साईबाबा ने भी आत्मसमर्पण कर दिया था। गड़चिरोली जिला व सत्र न्यायालय ने प्रशांत राही सहित प्रो. साईबाबा और अन्य नक्सलियों की मदद करने का दोषी करार देकर उम्रकैद की सजा सुनाई है। मामले में विशेष सरकारी वकील पी. सत्यनाथन कामकाज देख रहे हैं।
Created On :   21 Jun 2022 4:16 PM IST