संस्कारधानी की महिलाओं के साहित्य को निखारा है
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। संस्कारधानी की महिलाओं के साहित्यिक, सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यों में संस्था का अभूतपूर्व योगदान है उक्त विचार संरक्षक डाॅ.छाया राय ने त्रिवेणी परिषद के सैंतीसवें स्थापना दिवस के अवसर पर व्यक्त किए। अभिनय के लिए समर्पित इस दिवस पर रत्ना मुंजे ने सिंधु ताई सपकाल की जीवनी, प्रार्थना अर्गल ने समर क्वीन, आशा रिछारिया ने बड़े लोग, प्रभा विश्वकर्मा ने बे चार जने शीर्षक से एकल अभिनय किया। वहीं ज्योति मंगलानी ने कथा और मिथिलेश नायक ने स्थापना कविता का पाठ किया।
प्रारंभ में जमुना अय्यर, आभा दुबे, रत्ना ओझा, मनीषा गौतम आदि ने वंदे मातरम् और ज्योति परांजपे ने सरस्वती वंदना का गायन किया। चंचल बाई महाविद्यालय के संगोष्ठी कक्ष में आयोजित इस कार्यक्रम का संयोजन डाॅ.शशिकला लढ़िया, अलका पटेल, अंजली शुक्ला, मधु जैन, हरदीप कौर ने किया। डॉ.आशा श्रीवास्तव ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया, साधना उपाध्याय ने आगामी योजनाओं की जानकारी देते हुए वार्षिक पत्रिका को हरिशंकर परसाई जन्मशती वर्ष को समर्पित करने का प्रस्ताव रखा, जिसे सर्व सम्मति से स्वीकृत किया गया। संचालन चंद्र प्रकाश वैश्य व आभार व्यक्त डॉ.मुकुल तिवारी ने किया।
Created On :   25 April 2023 1:55 PM IST