बुजुर्ग मां के साथ अब तक 65 हजार किमी की यात्रा कर चुके हैं

Have traveled 65 thousand km so far with elderly mother
बुजुर्ग मां के साथ अब तक 65 हजार किमी की यात्रा कर चुके हैं
नागपुर बुजुर्ग मां के साथ अब तक 65 हजार किमी की यात्रा कर चुके हैं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। आज के दौर में ऐसे कई उदाहरण समाज में देखने को मिलते  हैं कि बच्चे बूढ़े मां-पिता को वृद्धाश्रम में छोड़ देते है। वहीं, कर्नाटक के मैसूर निवासी दक्षिणामूर्ति कृष्णकुमार अपनी 73 वर्षीय बुजुर्ग मां चौदारथना अम्मा को लेकर भारत भ्रमण पर निकले हैं। अब तक वो अपने पुराने स्कूटर से मां के साथ 65 हजार किलोमीटर का सफर कर चुके हैं। इस समय वह महाराष्ट्र के नागपुर पहुंचे हैं। नागपुर में गणेश टेकड़ी, बालाजी मंदिर,रामकृष्ण मठ के दर्शन करने के बाद आज वे देवलापार में रुके हैं। कल जबलपुर के लिए रवाना होंगे।

कोरोना ने लगाया था  ब्रेक : साल 2018 में दक्षिणामूर्ति मां के साथ पुराने स्कूटर से निकल पड़े थे। वर्ष 2020 में कोरोना के चलते उन्होंने मैसूर  में अपने पैतृक घर पर ही रुकना पड़ा। फिर 15 अगस्त 2022 को उन्होंने पुनः अपनी यात्रा शुरू कर की। दक्षिणामूर्ति कृष्ण कुमार की मां चौदारथना अम्मा ने बताया कि 73 की उम्र में भी वह स्फूर्त है। इस कारण यात्रा के दौरान उन्हें कोई दिक्कत नहीं हुई।  

स्कूटर के सामने कार का मोल नहीं : दक्षिणामूर्ति कृष्ण कुमार की कहानी से प्रभावित होकर उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने उन्हें उपहार स्वरूप एक कार भेंट की है, लेकिन सादा जीवन जीने वाले कृष्ण कुमार अपने पिता की दी हुई पहली भेंट अपनी स्कूटर से ही यात्रा पूरी कर रहे हैं। उनका मानना है कि उन्हें हमेशा पिता के साथ होने का एहसास होता है।  

मां के सपने के आगे छोड़ दी नौकरी : वह बेंगलुरु की एक मल्टीनेशनल कंपनी में बड़े पद पर थे।  साल 2016 से पहले दक्षिणामूर्ति ज्वाइंट फैमिली में रहते थे, उनका 10 लोगों का परिवार था। पिता की मृत्यु के बाद वह अपनी मां के साथ बेंगलुरु आ गए। दक्षिणामूर्ति बताते हैं कि उनकी मां चौदारथना अम्मा ने घर की चारदीवारी के अलावा बाहर की दुनिया कभी नहीं देखी थी। एक दिन दक्षिणामूर्ति की मां ने बेटे से कहा कि वह भारत भ्रमण करना चाहती हैं, जिसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी और मां के सपने को सच करने के लिए निकल पड़े। दैनिक भास्कर से बातचीत में उन्होंने बताया कि माता-पिता बोलने वाले भगवान हैं, इसलिए जीते जी उनकी सेवा करना परम कर्तव्य है। जीवन में पैसा कमा लिया और मां-पिता की सेवा  नहीं की, तो सब व्यर्थ है।

Created On :   26 March 2023 12:55 PM GMT

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