HC ने पूछा - मास्क के जुर्माने की रकम एक समान क्यों नहीं, दिव्यांगो की परेशानी पर थोड़ा करें विचार

HC asked - why not equal amount of fine on without mask
HC ने पूछा - मास्क के जुर्माने की रकम एक समान क्यों नहीं, दिव्यांगो की परेशानी पर थोड़ा करें विचार
HC ने पूछा - मास्क के जुर्माने की रकम एक समान क्यों नहीं, दिव्यांगो की परेशानी पर थोड़ा करें विचार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि मास्क न पहननेवाले लोगों से जुर्माना वसूली की रकम में एकरुपता क्यों नहीं लाई गई है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने सरकार को दिव्यांगो (सुनने व बोलने की परेशानी से ग्रसित) के लिए अलग से मास्क उपलब्ध कराने के बारे में विचार करने को कहा है। क्योंकि उनका संवाद काफी कुछ चेहरे के हावभाव व संकेतों पर निर्भर रहता है। 

हाईकोर्ट ने यह बात एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कही। इस विषय पर लोकशाहीवादी बालासाहाब सरोदे स्मृति प्रबोधन उपक्रम नामक संस्था ने याचिका दायर की है। बुधवार को न्यायमूर्ति एसपी देशमुख व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ के सामने यह याचिका सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता असीम सरोदे ने कहा कि वर्तमान में पुलिस,महानगरपालिका,नगरपरिषद व सालिडवेस्ट मैनेजमेंट एथारिटी के लोग मास्क न पहनने वालों से जुर्माना वसूल रहे हैं।

जुर्माना वसूली की रकम में न तो कोई एकरुपता है और न ही कोई पारदर्शिता। ऐसे में जरुरत है कि इस विषय को लेकर एक आदर्श परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) तय की जाए। इसके अलावा जुर्माने के रुप में राज्य भर में वसूल की जानेवाली रकम का इस्तेमाल गरीब व पिछड़े तबके के लोगों को मास्क उपलब्ध कराने के लिए किया जाए। क्योंकि जुर्माना लेने के बाद भी लोगों को मास्क नहीं दिया जाता है। इस बीच उन्होंने मास्क पहनने के चलते दिव्यांगो को खास तौर से मूक बधीर लोगों को हो रही परेशानी की ओर भी खंडपीठ का ध्यान आकर्षित कराया। उन्होंने कहा कि मूक बधिर लोग काफी हद तक चेहरे के हावभाव से एक दूसरे की बातों को समझते हैं। इसलिए उनके लिए एक खास मास्क बनाने पर विचार किए जाए। 

वहीं सरकारी वकील प्रियभूषण काकडे ने कहा कि जुर्माने की रकम में एकरुपता होनी चाहिए। ऐसा नहीं हो कि एक जगह मास्क न पहने पर एक हजार रुपए का जुर्माना हो और कही दो हजार रुपए का। इस दौरान उन्होंने दिव्यांगों की परेशानी को भी उचित माना। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि कोरोना अभी कुछ समय के लिए रहेगा। इसलिए जुर्माने की रकम में एकरुपता लाने पर विचार किया जाए। इसके साथ ही दिव्यांगों की समस्या पर भी गौर हो। खंडपीठ ने फिलहाल सरकार वकील को याचिका में उठाए गए मुद्दे को लेकर जवाब देने के लिए दो सप्ताह तक का समय दिया है। 
 

Created On :   24 March 2021 9:48 PM IST

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