आयुष की अनुमति के बिना होमियोपैथी पाठ्यक्रम में प्रवेश देने वाले कालेज को HC ने नहीं दी राहत

HC has refused to provide relief to homeopathic college which has given admission to students without permission
आयुष की अनुमति के बिना होमियोपैथी पाठ्यक्रम में प्रवेश देने वाले कालेज को HC ने नहीं दी राहत
आयुष की अनुमति के बिना होमियोपैथी पाठ्यक्रम में प्रवेश देने वाले कालेज को HC ने नहीं दी राहत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने डायरेक्टरोरेट ऑफ आयुर्वेदिक यूनानी सिध्द एंड होमियोपैथिक मेडिसिन(आयुष) व एडमिशन के लिए बनाए गए प्रकोष्ठ की अनुमति के बिना छात्रों को एडमिशन देने वाले होमियोपैथी कालेज को राहत देने से इंकार कर दिया है। मामला महानगर के साई होमियोपैथी मेडिकल कालेज एंड नित्यानंद हॉस्पिटल से जुड़ा है। 

कालेज ने अपने स्तर पर आयुष की अनुमति के बिना सात छात्रों को होमियोपैथी के प्रथमवर्ष के पाठ्यक्रम में एडमिशन दिया था, लेकिन आयुष व प्रकोष्ठ ने सात बच्चों को प्रवेश को अवैध ठहरा दिया था। इस संबंध में आयुष व प्रकोष्ठ के 4 मई 2017 व 22 फरवरी 2018 के आदेश के खिलाफ कालेज ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

जस्टिस एससी धर्माधिकारी व जस्टिस भारती डागरे की बेंच के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका के मुताबिक दाखिले के लिए बनाए गए प्रकोष्ठ ने कालेज को 42 छात्र आवंटित किए थे। इसमें से सात सीटें खाली रह गई। इन सीटों पर कालेज ने अपने स्तर पर प्रवेश दे दिया। एडमिशन को मंजूरी देने की मांग को लेकर प्रकोष्ठ व आयुष को पत्र लिखा, लेकिन कालेज की मांग पर विचार नहीं किया गया।

कालेज की ओर से पैरवी कर रही वकील पूजा थोरात ने कहा कि आयुष व प्रकोष्ठ ने दो ऐसे कालेजों के प्रवेश को मंजूरी दी है जिन्होंने अपने स्तर प्रवेश दिया था। इस लिहाज से आयुष का मेरे मुवक्किल के कालेज के प्रवेश को मंजूरी न देने का निर्णय पक्षपातपूर्ण व मनमानी पूर्ण है। इसलिए इसे निरस्त किया जाए। उन्होंने कहा कि मेरे मुवक्किल ने रिक्त सीटों पर दाखिले से पहले आयुष  व प्रकोष्ठ को रिक्त सीटों के विषय में जानकारी दी थी।

किंतु बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता दूसरे की गलत चीजे का उदाहरण देकर खुद को सही साबित नहीं कर सकता है। नियम कहते है कि कालेज आयुष व एडमिशन को लेकर बनाए गए प्रकोष्ठ की अनुमति के बिना प्रवेश नहीं दे सकता है। कालेज ने इस नियम का पालन नहीं। इस लिहाज से हमे आयुष की ओर से जारी किया गया आदेश पूरी तरह से वैद्य है। यह कहते हुए बेंच ने कालेज की याचिका खारिज कर दिया।  

Created On :   7 July 2018 11:43 AM GMT

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