हाईकोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार को जारी किया नोटिस, अस्पताल को दो सप्ताह में दायर करना होगा हलफनामा

HC issued notice to central and state government, hospital will have to file affidavit in two weeks
हाईकोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार को जारी किया नोटिस, अस्पताल को दो सप्ताह में दायर करना होगा हलफनामा
सरोगेसी प्रक्रिया से जुड़ा मामला हाईकोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार को जारी किया नोटिस, अस्पताल को दो सप्ताह में दायर करना होगा हलफनामा

डि़जिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने सरोगेसी (किराए पर कोख) के मुद्दे को लेकर दायर याचिका पर बुधवार को केंद्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। जबकि मामले से जुड़े अस्पताल को इस दो सप्ताह में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति नीतिन सांब्रे व न्यायमूर्ति अनिल पानसरे की अवकाश पीठ ने अस्पताल को सरोगेसी से जुड़े मौजूदा कानून के बारे में विस्तृत जानकारी देने को कहा है। इसके साथ ही अस्पताल को स्पष्ट करने को कहा गया है कि क्या अदालत इस मामले में अंतरिम आदेश दे सकती हैॽ खंडपीठ के सामने एक दंपति की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में दंपति ने सरोगेसी के नए कानून एवं असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नालॉजी (एआरटी)  के आने से पहले शुरु की गई सरोगेसी की प्रक्रिया को पूरी करने की अनुमति दिए जाने की मांग की है। इसके साथ ही दंपति अपने संरक्षित भ्रूण को दूसरे फर्टीलिटी केंद्र में ले जाने की भी अनुमति चाहता है। 

इससे पहले सुनवाई के दौरान दंपति की ओर से पैरवी कर रहे वकील पीवी दिनेश ने खंडपीठ के सामने कहा कि मेरे मुवक्किल ने पहले एक अस्पताल में भ्रूण को संरक्षित किया था जिसे अब वह दूसरे फर्टीलिटी केंद्र ले जाना चाहता है। लेकिन सरोगेसी को लेकर जनवरी माह में आए नए कानून में भ्रूण के स्थानांतरण को लेकर भी किसी स्पष्ट कानूनी प्रक्रिया का जिक्र नहीं है। वहीं अस्पताल की ओर से पैरवी कर रही वकील अनिता कैस्टलिनों ने कहा कि नए कानून में केवल परोपकार के लिए सरोगेसी की छूट है। नए कानून के मुताबिक सिर्फ विवाहित दंपति जिनके पास बच्चा है, वही महिला सरोगेट बन सकती है। कानून की इस अनिवार्यता के चलते अस्पताल ने कोर्ट आए दंपति की सरोगेसी की प्रकिया को रोक दिया है। अब अस्पताल कोर्ट की अनुमति के बाद ही दंपति के सरोगेसी से जुड़ी प्रक्रिया की शुरुआत कर सकेगा। इस मामले को देखने के लिए बनाए गए राज्य बोर्ड सरोगेसी की प्रक्रिया से जुड़े आवेदन स्वीकार कर रहा है। दपंति चाहे तो वह भी बोर्ड की ओर रुख कर सकता है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि हम अस्पताल के जवाब को जानने के बाद इस मामले में आदेश जारी करेंगे। इसलिए अस्पताल याचिका के जवाब में हलफनामा दायर करे। खंडपीठ ने सात जून को अब इस याचिका पर सुनवाई रखी है। 

 

Created On :   18 May 2022 9:54 PM IST

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