मेडिकल कोर्स में दाखिले से जुड़े शारीरिक मापदंडों के मामले में हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप करने से किया मना

HC refuses to intervene in case of physical parameters related to admission in medical course
मेडिकल कोर्स में दाखिले से जुड़े शारीरिक मापदंडों के मामले में हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप करने से किया मना
मेडिकल कोर्स में दाखिले से जुड़े शारीरिक मापदंडों के मामले में हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप करने से किया मना

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने मेडिकल पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए निर्धारित किए गए शारीरिक मापदंडों को लेकर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है। न्यायमूर्ति एस.सी गुप्ते व न्यायमूर्ति सुरेंद्र तावड़े की खंडपीठ ने कहा कि यह मापदंड विशेषज्ञयो की राय के आधार पर बनाए जाते है। लिहाजा हम ऐसी राय पर आधारित वैधानिक नियमों की वैधता को नहीं परख सकते हैं। 

दरअसल पुणे की एक छात्रा को उसके बाए हाथ के ठीक न होने के कारण उसे मेडिकल के स्नातक कोर्स में दाखिले के लिए अपात्र ठहरा दिया गया था। इसके बाद प्रवेश से वंचित अनिता शिंदे नाम की छात्रा ने मेडिकल कोर्स में एडमिशन को लेकर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) द्वारा तय किए गए शारीरिक मापदंडों को चुनौती दी थी। नियमानुसार अंडर ग्रैजुएट मेडिकल पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए शरीर का उपरी हिस्सा पूरी तरह से खामी रहित व ठीक होना चाहिए। 

याचिका में शिंदे ने दावा किया था कि यह मापदंड उसे संविधान के अनुच्छेद 19(1जी) से मिले पेशा चुनने के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करते है। उसे एडमिशन न देने का निर्णय भेदभाव पूर्ण है। शिंदे की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता गौरव बंसल ने दावा किया कि मेरी मुवक्किल को जिस दिव्यग्यता के आधार पर मेडिकल कोर्स में एडमिशन से दूर रखा गया है वह अनुचित है। मेरी मुवक्किल एडमिशन के लिए पूरी क्षमता व योग्यता रखती है। क्योंकि मेडीकल के अंडर ग्रैजुएट कोर्स में सर्जरी की कोई आवश्यकता नहीं पड़ती है। 

इन दलीलों से असहमत खंडपीठ ने कहा कि प्रशासकीय व अर्धन्यायिक मामलों में हम दखल दे सकते हैं, लेकिन एमसीआई ने विशेषज्ञयो की राय के आधार पर एडमिशन के लिए शारीरिक मापदंड किए है। इसलिए हम इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकते है। जहां तक बात पेशा चुनने के मौलिक अधिकार की है, तो यह अधिकार तर्कसंगत बंदिशों के अधीन है। इस तरह से खंडपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया, रेगुलेशन ऑफ ग्रैजुएट मेडिकल एजुकेशन 1997 के प्रावधानों में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया। 

Created On :   28 Feb 2021 5:52 PM IST

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