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न्यायालय के आदेश पर प्रधान आरक्षक के विरूद्ध प्रकरण दर्ज
डिजिटल डेस्क, पन्ना। फरियादी सलीम उर्फ झगडू ने जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक १४ अक्टूबर २०१२ को रात्रि ०९ बजे पुलिस कण्ट्र्रोल रूम पन्ना में पदस्थ प्रधान आरक्षक विनोद कुमार अहिरवार द्वारा गांधी चौक से धाम मोहल्ला पन्ना जाने वाले नाले के पास मुझे रोककर अभद्र गालियां देकर उसकी जेब से १०७१० रूपए निकालकर ले लिये और रिपोर्ट करने पर जान से मारने की धमकी दी गई। सलीम उर्फ झगडू ने उक्त घटना की रिपोर्ट दूसरे दिन थाना कोतवाली पन्ना में की परंतु रिपोर्ट नहीं लिखी गई तब दिनांक १६ अक्टूबर २०१२ को पुलिस अधीक्षक पन्ना को लिखित में सूचना दी गई फिर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई क्योंकि उस समय विनोद कुमार अहिरवार थाना कोतवाली पन्ना में आरक्षक के पद पर पदस्थ थे, तब दिनांक १७ अक्टूबर २०१२ को पीडित द्वारा डीआईजी व आईजी को लिखित सूचना डाक से भेजी गई। जिस पर पुलिस ने विनोद अहिरवार को बचाने के लिए हरिजन एक्ट का मामला सलीम उर्फ झगडू के विरूद्ध दर्ज कर दिया। उस अपराध से सलीम उर्फ झगडू को उच्च न्यायालय ने अग्रिम जमानत प्रदान की व बादे में विशेष न्यायालय से दोष मुक्त हुआ। आहत सलीम उर्फ झगडू ने दिनांक २१ अक्टूबर २०१२ को पुलिस महानिदेशक, गृह सचिव पुलिस विभाग एवं राज्य मानव अधिकार आयोग में भी शिकायत की व न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया था। जिस पर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्री प्रियंक भारद्वाज ने विनोद कुमार अहिरवार के विरूद्ध धारा ३४१, ३९२ आईपीसी के तहत प्रकरण पंजीबद्ध करने का आदेश दिनांक ११ मई २०२२ को पारित किया गया। विनोद कुमार अहिरवार ने न सिर्फ लूट की व अपने पद का दुरूपयोग भी किया। फरियादी ने मांग की है कि ऐसे दोषी पुलिसकर्मी के विरूद्ध सेवा से पृथक करते हुए तत्काल कडी कार्यवाही की जानी चाहिए।
Created On :   28 May 2022 2:20 PM IST